नई दिल्ली। जाने माने वकील कपिल सिब्बल ने तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) का पक्ष रखते हुए कहा कि मुसलमान पिछले १४०० सौ सालों से इस प्रथा का पालन कर रहे हैं और यह आस्था से जु़डा मामला है। इसे असंवैधानिक कैसे कहा जा सकता है? मुख्य न्यायाधीश जेएस केहर की पांच सदस्ईय पीठ के समक्ष मंगलवार को बोर्ड कि तरफ से दलीलें रखते हुए सिब्बल ने कहा, तीन तलाक मुस्लिम समुदाय के विश्वास से जु़डा हुआ मसला है, समुदाय पिछले १४०० सौ सालों से इस प्रथा का पालन कर रहा है और इसे असंवैधानिक कैसे कहा जा सकता है? पीठ ११ मई से तीन तलाक के मसले पर रोजाना सुनवाई कर रही है। मंगलवार को सुनवाई का चौथा दिन था। सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से दलील रखते हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि यदि शीर्ष न्यायालय तीन तलाक को अवैध करार देती है तो सरकार विवाह और तलाक के नियमन के लिए कानून बनाने को तैयार है।
तीन तलाक मुस्लिमों की आस्था से जुड़ा मुद्दा
तीन तलाक मुस्लिमों की आस्था से जुड़ा मुद्दा