पटना। पटना उच्च न्यायालय ने सीवान के बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की अपील बुधवार को खारिज करते हुए उसकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी। न्यायमूर्ति केके मंडल और न्यायमूर्ति संजय कुमार की खंडपीठ ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ मोहम्मद शहाबुद्दीन की अपील खारिज दी। निचली अदालत ने सीवान के कारोबारी चंदा बाबू के दो बेटों-गिरीश राज उर्फ निक्कू और सतीश राज उर्फ सोनू को तेजाब डालकर मार डालने के अपराध में पूर्व सांसद को ११ दिसंबर २०१५ को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मोहम्मद शहाबुद्दीन के अलावा इस मामले के अन्य दोषियों (राजकुमार साह, मुन्ना मियां एवं शेख असलम) को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत के फैसले को मो. शहाबुद्दीन ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। राजद नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन इस समय दिल्ली के तिहा़ड जेल में बंद हैं। सोलह अगस्त २००४ को शहाबुद्दीन के इशारे पर चंदा बाबू के दो बेटों को अगवा करने के बाद तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के एकमात्र चश्मदीद गवाह चंदा बाबू के तीसरे बेटे राजीव की भी १६ जून २०१४ को सीवान के डीएवी स्कूल मो़ड के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
शहाबुद्दीन की उम्रकैद बरकरार
शहाबुद्दीन की उम्रकैद बरकरार