वंदे मातरम विवाद महाराष्ट्र पहुंचा

वंदे मातरम विवाद महाराष्ट्र पहुंचा

मुंबई। वंदे मातरम गीत पर मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से सुनाए गए फैसले को लेकर महाराष्ट्र में भी राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भाजपा के एक विधायक ने इसे राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में लागू करने की मांग की है, जबकि कुछ अन्य दलों के विधायकों ने ऐसे किसी कदम का विरोध किया है।
मुंबई से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के विधायक वारिस पठान ने गुरुवार को कहा कि अगर कोई उनके सिर पर रिवॉल्वर भी रख दे, तो भी वह राष्ट्रगीत नहीं गाएंगे। समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आजमी ने भी कहा कि अगर उन्हें देश से बाहर भी फेंक दिया जाए, तो भी वह इसे नहीं गाएंगे।
ये प्रतिक्रियाएं दरअसल भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक राज पुरोहित की एक मांग के बाद आई हैं। पुरोहित ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि वंदे मातरम को महाराष्ट्र के हर स्कूल और कॉलेज में गाना अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को आदेश सुनाते हुए तमिलनाडु के स्कूलों में राष्ट्रगीत को सप्ताह में कम से कम दो बार गाना अनिवार्य बना दिया था।
यहां विधानभवन के बाहर संवाददाताओं से बात करते हुए विधानसभा में भाजपा के प्रमुख सचेतक पुरोहित ने गुरुवार को कहा कि वह शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे और किसी समारोह में राष्ट्र गीत को गाना अनिवार्य बनाने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग करेंगे। पुरोहित ने कहा, मैं सदन में भी यह मांग उठाऊंगा। मैं मुख्यमंत्री से कहूंगा कि सरकार को ऐसी नीति लेकर आनी चाहिए, जो किसी समारोह की शुरुआत में वंदे मातरम गाने और अंत में जन गण मन गाना अनिवार्य बनाती हो।
दक्षिण मुंबई के बायकुला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पठान ने पुरोहित की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक विचारधारा विशेष को लोगों पर थोपा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, मैं वंदे मातरम नहीं गाउंगा। मेरा धर्म और कानून मुझे यह गाने की इजाजत नहीं देता। कोई मेरे सिर पर रिवॉल्वर भी रख दे, तो भी मैं यह नहीं गाऊंगा। मैं सदन में इस मांग का विरोध करूंगा। आजमी ने आरोप लगाया कि भाजपा आरएसएस के निर्देशों का पालन कर रही है, जिससे समाज ध्रुवीकरण का शिकार हो जाएगा। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मैं इस्लाम का सच्चा अनुयायी हूं।वंदे मातरम गाना मेरे धर्म और संविधान के खिलाफ होगा। एक सच्चा मुस्लिम इसे कभी नहीं गाएगा। मुझे देश से बाहर भी फेंक दिया जाता है, तो भी मैं इसे नहीं गाऊंगा।
एआईएमआईएम और सपा की आलोचना करते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता और परिवहन मंत्री दिवाकर राउत ने कहा कि वे लोग गद्दार हैं। उन्होंने कहा, उन्हें यह पता होना चाहिए कि वंदे मातरम एक देशभक्ति गीत है, जिसे स्वतंत्रता सेनानियों ने स्वतंत्रता संग्राम में गाया था। वहीं, उच्च न्यायालय के आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति या संगठन को इस गीत को गाने या बजाने में आपत्ति है, तो उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, बशर्ते उनके ऐसा न करने के पीछे वैध कारण हों।

भाजपा के एक वरिष्ठ विधायक राज पुरोहित ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए मांग की कि वंदे मातरम को महाराष्ट्र के हर स्कूल और कॉलेज में गाना अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।
इस पर पुरोहित की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए मुंबई से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के विधायक वारिस पठान ने कहा कि अगर कोई उनके सिर पर रिवॉल्वर भी रख दे, तो भी वह राष्ट्रगीत नहीं गाएंगे।
वहीं समाजवादी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के
अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आजमी ने भी कहा कि अगर उन्हें देश से बाहर भी फेंक दिया जाए,
तो भी वह इसे नहीं गाएंगे।

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