अमित शाह के बयान के बाद राज्यसभा में खूब हंगामा हुआ। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अवैध बांग्लादेशियों के मुद्दे पर नरमी बरत रही है।
नई दिल्ली। असम में नेशनल रजिस्टर आॅफ सिटिजन (एनआरसी) मामले पर सियासी बहस तेज होती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस ने जहां इसका विरोध किया, अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने इसे सरकार की प्रतिबद्धता से जोड़ते हुए कहा है कि उनमें हिम्मत थी, इसलिए कर दिखाया। मंगलवार को राज्यसभा में उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार किया और बोले कि इसकी पहल तो राजीव गांधी ने की थी, जबकि वह आज इस मामले पर सवाल उठा रही है।
उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के पास असम समझौते को धरातल पर लागू करने की हिम्मत नहीं थी। भाजपा ने हिम्मत दिखाई और यह काम कर दिया। उन्होंने कहा कि एनआरसी का विरोध भारत में अवैध बांग्लादेशियों को बचाने की कोशिश है। शाह ने विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि चर्चा के दौरान यह कोई (विपक्ष) नहीं बता रहा कि एनआरसी का मूल कहां है तथा यह कहां से आया है।
अमित शाह के बयान के बाद राज्यसभा में खूब हंगामा हुआ। शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अवैध बांग्लादेशियों के मुद्दे पर नरमी बरत रही है। .. कांग्रेस के प्रधानमंत्री ने यह समझौता किया था, लेकिन पार्टी लागू नहीं कर सकी। उन्होंने कहा, हममें हिम्मत थी और इसलिए इस पर अमल किया। शाह ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वह अवैध घुसपैठियों को क्यों बचाना चाहती है। इसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने भारी शोरगुल किया और सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। एनआरसी पर यह बहस लंबी चलने की पूरी संभावना नजर आती है।
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