फ्रांस ने राहुल के इन बयानों को खारिज कर गोपनीयता का हवाला दिया है। फ्रांस सरकार की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में दोनों देशों ने गोपनीयता का करार किया है। इसलिए यह जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते।
नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर गंभीर आरोप लगाए, जिन पर फ्रांस का जवाब आया है। राहुल ने कहा था कि इस डील में घोटाला हुआ है। सरकार ने विमानों की बेहद ऊंची कीमतों पर सौदा किया है। उन्होंने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण पर भी आरोप लगाया कि वे देश से झूठ बोल रही हैं।
फ्रांस ने राहुल के इन बयानों को खारिज कर गोपनीयता का हवाला दिया है। फ्रांस सरकार की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में दोनों देशों ने गोपनीयता का करार किया है। इसलिए यह जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते। फ्रांस की ओर से दिए गए जवाब में बताया गया है कि दोनों देश 2008 के गोपनीयता करार के तहत यह जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकते।
फ्रांस ने कहा है कि ऐसा करने में कानूनी बाध्यता है। अगर इसे सार्वजनिक किया गया तो इससे सुरक्षा व सामरिक क्षमता प्रभावित हो सकती है। यही करार उन 36 लड़ाकू विमानों के सौदे पर भी लागू है जो 2016 में किया गया। इसके अलावा फ्रांस के बयान में उसके राष्ट्रपति के इंटरव्यू का जिक्र किया गया है। उसके मुताबिक, उन्होंने कहा था कि यह एक गोपनीय करार है। इसलिए इससे जुड़ी जानकारी आम नहीं की जा सकती।
इससे पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर खूब आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी तो यह डील प्रति विमान 520 करोड़ रुपए में हुई थी। उसके बाद पता नहीं किससे बात हुई, प्रधानमंत्री फ्रांस गए और जादू से हवाई जहाज की कीमत 1,600 करोड़ रुपए प्रति विमान हो गई। फ्रांस सरकार का बयान इसी संदर्भ में आया है।