नई दिल्ली। देश में लंबे समय से सख्त जनसंख्या नीति बनाने की मांग की जाती रही है। अब 125 सांसदों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की है। इसमें भाजपा के अलावा शिवसेना, तेदेपा सहित अन्य दलों के सांसद थे। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा।
सांसदों ने बेतहाशा बढ़ रही आबादी पर कानून लाने के लिए चर्चा की। राष्ट्रपति से चर्चा में मीनाक्षी लेखी, संजीव बालियान, उदय प्रताप सिंह, अरविंद सावंत, रामबाबू नायडू सहित 125 सांसद थे। राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल किए गए हैं।
इसमें जिक्र किया गया है कि यदि दंपत्ति तीसरा बच्चा पैदा करते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाए। उन्हें सरकारी नौकरी से वंचित किया जाए। इसके साथ ही ऐसे लोगों से मतदान का अधिकार भी छीन लिया जाए। ज्ञापन में कहा गया है कि जनसंख्या नियंत्रण का यह कानून सभी देशवासियों पर समान रूप से लागू किया जाए।
इसकी जानकारी सोशल मीडिया में आने के बाद यूजर्स ने काफी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अधिकांश लोगों ने स्वीकार किया है कि देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून लाया जाए। यूजर्स ने कहा है कि पूर्व में जनसंख्या को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए, इसलिए आज न तो सभी को नौकरियां मिल पा रही हैं और न ही आवश्यक सुविधाएं। बस, ट्रेन, अस्पताल, राशन की दुकान आदि पर भारी भीड़ है, जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी होती है। अगर हम अब न संभले तो आने वाले वर्षों में स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। वहीं कुछ लोग इसका यह कहते हुए विरोध कर रहे हैं कि जनसंख्या व्यक्तिगत और धार्मिक मसला है, लिहाजा सरकार को ऐसे मामलों से दूर रहना चाहिए।
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