नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी के हैम्बर्ग में भाषण दिया जिसके बाद भाजपा ने उनकी कड़ी आलोचना की है। राहुल ने बेरोजगारी को कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस से जोड़कर बताया। राहुल ने अपने भाषण में मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर विकास प्रक्रिया से दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखा तो इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने अपने भाषण में आईएस का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि विकास प्रक्रिया से लोगों को बाहर रखने से कहीं भी आतंकी संगठन पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में लोगों को विकास प्रक्रिया से बाहर रखने के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। राहुल बोले, अगर आप 21वीं सदी में लोगों को कोई विजन नहीं देते तो कोई और यह देगा। उन्होंने कहा कि विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने का यह असली खतरा है।
कांग्रेस अध्यक्ष के इस भाषण पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल गांधी द्वारा आईएस की स्थापना को न्यायसंगत ठहराने की बात सुनकर भयभीत हूं। पात्रा बोले, राहुल गांधी यह भी कह रहे हैं कि यदि मोदीजी देश को कोई विजन नहीं देते हैं तो कोई और (आईएस) यह देगा। उन्होंने कहा कि यह अविश्वसनीय है। वह पीएम पद के उम्मीदवार हैं?
भाजपा ने कहा है कि राहुल ने 23 देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष आतंकी संगठन आईएस की स्थापना को सही ठहराने की कोशिश की है। पात्रा ने कहा है कि राहुल ने विदेश में भारत का मान-सम्मान कम किया है। संबित पात्रा ने कहा, राहुल गांधी ने आईएस की स्थापना को सही ठहराया है और उसके कृत्यों को भी एक बहाना दिया है। उन्होंने मांग की है कि राहुल ऐसे बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगें।
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