लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी ने राम मंदिर पर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बाबरी ढांचे को हिंदुस्तान की जमीन पर कलंक बताया है। रिजवी ने कहा है कि समझौते की मेज पर बैठकर हार-जीत के बिना राम का हक हिंदुओं को वापस करना चाहिए।
रिजवी ने मुस्लिम समाज के लिए मस्जिद बनाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक नई अमन की मस्जिद लखनऊ में जायज पैसों से बनाई जाए। उन्होंने अपने बयान में राम मंदिर के बहुत पुराने सबूतों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जब मस्जिद के नीचे खुदाई हुई तो वहां ईंटों का बना चबूतरा मिला था। उन्होंने बताया कि उस खुदाई में 137 मजदूरों ने भाग लिया था और और उनमें से 52 मुस्लिम थे।
रिजवी ने बताया कि राम मंदिर से जुड़े 265 प्राचीन अवशेष प्राप्त हो चुके हैं। उसके बाद पुरातत्व विभाग इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि ऊपरी सतह पर निर्मित बाबरी मस्जिद के नीचे एक मंदिर दबा हुआ है। उन्होंने कहा, सीधे तौर से माना जाए कि बाबरी ढांचा इन मंदिरों को तोड़कर इनके मलबे पर बनाया गया।
रिजवी ने दावा किया कि यह बात केके मोहम्मद की पुस्तक ‘मैं भारतीय हूं’ में मिलती है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में बाबरी कलंक को जायज मस्जिद कहना इस्लाम के सिद्धांतों के विपरीत है। उन्होंने पैगंबर हजरत मोहम्मद के इस्लाम का अनुसरण करने की बात कही और अपील की है कि बाबरी मुल्ला अपने गुनाहों की तौबा करें। वसीम रिजवी पहले भी राम मंदिर पर कई बयान दे चुके हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि भगवान श्रीराम उनके सपने में आए थे और वे रो रहे थे।
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