नई दिल्ली/लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह देशभर में रैलियां कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव करीब आते ही सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को जहां तेदेपा प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र द्वारा किए वादों को पूरा करने की मांग के लिए दिल्ली में एक दिन के लिए अनशन पर बैठे। उधर, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी और पश्चिमी उप्र प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोड शो निकाला। इस तरह दो बड़े शहरों में विपक्ष ने केंद्र के खिलाफ हल्ला बोला और कई दावे किए।
चंद्रबाबू नायडू का यह एक दिवसीय अनशन मोदी के दक्षिण दौरे के दूसरे ही दिन शुरू हो गया। मोदी ने आंध्र प्रदेश में भी अपने चिरपरिचित अंदाज में तेदेपा और चंद्रबाबू नायडू पर जमकर शब्दबाण छोड़े थे। इसके जवाब में अनशन पर बैठकर नायडू ने मोदी सरकार को घेरा। इस दौरान उन्होंने विपक्षी दलों से भी सहयोग मांगा। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला धरनास्थल गए और समर्थन दिया। एक बयान में बताया गया कि नायडू का अनशन आंध्र भवन में सुबह आठ से रात आठ बजे तक चलेगा। वे अपनी मांगों के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को ज्ञापन भी सौंपेंगे। धरने पर बैठे नायडू ने मोदी सरकार पर कई सवाल दागे। बता दें कि इससे पहले चंद्रबाबू नायडू कोलकाता में ममता बनर्जी के साथ नजर आ चुके हैं।
उधर, कांग्रेस महासचिव बनने के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचीं प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी कार्यकर्ताओं से रूबरू हुईं। रोड शो के दौरान राहुल, प्रियंका और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक ही वाहन पर सवार थे। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी हुई। राहुल ने कहा कि उप्र में सालों से अन्याय हो रहा है। इसे रोकने के लिए मैंने प्रियंका और ज्योतिरादित्य को महासचिव बनाया है। प्रियंका का लक्ष्य उप्र में कांग्रेस की सरकार बनवाना है। वहीं, काफिले के बीच में बिजली के घने तार भी आए। उस समय सुरक्षा में मौजूद अधिकारियों ने लकड़ियों से तार हटाए। इस दौरान राहुल बीच में खामोश बैठे रहे। उनकी इन तस्वीरों को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब चुटकी ली।