रायपुर। कांग्रेस ने रविवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया। सूबे में सत्ता की कमान भूपेश बघेल को सौंपी गई है। 11 दिसंबर को चुनाव नतीजे आने के बाद से ही मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री के नाम तय करने में वक्त लगा। छत्तीसगढ़ के मामले में पेच फसा हुआ था। दो राज्यों में जहां मुख्यमंत्री के लिए दो-दो चेहरे मैदान में थे, वहीं छत्तीसगढ़ में चार उम्मीदवार इस दौड़ में शामिल थे। आखिरकार भूपेश बघेल कांग्रेस नेतृत्व का भरोसा जीतने में कामयाब रहे।
पार्टी की घोषणा से बघेल समर्थकों में खुशी की लहर है। कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट पर भूपेश बघेल की तस्वीर पोस्ट कर उन्हें शुभकामनाएं दी गई हैं। साथ ही किसानों से किए गए कर्जमाफी जैसे वादों का जिक्र किया गया है। उल्लेखनीय है कि बघेल छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं। किसान परिवार से आने वाले बघेल की छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका रही। उन्होंने पार्टी के लिए प्रचार की रणनीति बनाई और किसानों व युवाओं के मुद्दे जोरशोर से उठाए।
छत्तीसगढ़ में डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस ने आखिरकार अपने जांचे-परखे चेहरे पर ही विश्वास कर उन्हें कुर्सी सौंपने का फैसला किया। इस बार छत्तीसगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला माना जा रहा था। कांग्रेस, भाजपा के अलावा बसपा और अजीत जोगी की जनता कांग्रेस भी मैदान में थी। कई जगह निर्दलीयों ने समीकरण बिगाड़े लेकिन नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए। वह राज्य की 90 में से 68 सीटें जीतने मे कामयाब रही। बघेल छत्तीसगढ़ में पंचायत और निकाय चुनाव के दौरान भी अहम रणनीतिकार रहे।
भूपेश बघेल ने 1993 में पहली बार दुर्ग की पाटन सीट से ही विधानसभा चुनाव लड़ा और बसपा प्रत्याशी केजूराम को हराया। 1998 में दोबारा जीतने के बाद मध्यप्रदेश की दिग्विजय सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। साल 2000 में छत्तीसगढ़ बना और 2003 में कांग्रेस विधानसभा चुनाव हार गई। उस समय वे विधानसभा में विपक्षी दल के उपनेता बने। अब तक प्रदेश की राजनीति में पकड़ बना चुके बघेल ने दुर्ग से 2004 और 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। यहीं नहीं, वे 2008 का विधानसभा चुनाव हारे।
दुर्ग के कुर्मी क्षत्रिय परिवार में 23 अगस्त, 1961 को जन्मे भूपेश बघेल जिले में यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं। उन्हें 2014 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। वे पाटन सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। बघेल अस्सी के दशक में राजनीति में आए और बाद में संगठन में उच्च पदों पर आगे बढ़ते गए। वे छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री होंगे। बघेल सोमवार (17 दिसंबर) को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शपथ लेंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
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