क्या बसपा से हाथ मिला अखिलेश ने खत्म कर दी सपा की आधी ताकत?

क्या बसपा से हाथ मिला अखिलेश ने खत्म कर दी सपा की आधी ताकत?

मुलायम सिंह यादव एवं अखिलेश

लखनऊ/वार्ता। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ हुए गठबंधन से खिन्न समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने गुरुवार को अपनी भड़ास पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निकालते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले ने पार्टी की आधी ताकत को पहले ही खत्म कर दिया। पत्रकारों की मौजूदगी में पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से 40 पर चुनाव लड़ने की बात कर अखिलेश ने पार्टी को आधा खत्म कर दिया जबकि उम्मीदवारों की सूची की घोषणा में लेटलतीफी ने भी पार्टी को कमजोर करने का काम किया है।

पार्टी अध्यक्ष के रवैये पर सवाल खड़े करते हुए मुलायम ने कहा क्या वो पार्टी को खत्म कर रहे हैं? उन्होने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ सपा की जीत के लिए कार्यकर्ताओं को अपना सर्वस्व झोंक देना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत मिल सके। सपा संरक्षक ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आगाह किया कि भाजपा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।

उन्होंने अपने उम्मीदवारों का चयन पहले ही कर लिया है जबकि इस प्रक्रिया से सपा को अभी गुजरना है। उन्होने कहा, उन उम्मीदवारों को टिकट जरूर दिया जाएगा जिनसे जीत की संभावना प्रबल हो। अगर आप को कोई संदेह है तो मुझे गोपनीय पत्र देकर अपनी दिलचस्पी जाहिर कर सकते हैं। उन्होने कहा कि उनके कार्यकाल में चुनाव के १४ महीने पहले उम्मीदवारों की सूची जारी की जाती थी। इसका फायदा होता था कि उम्मीदवारों को मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका मिल जाता था।

१६वीं लोकसभा के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आर्शीवाद दे चुके मुलायम ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुझे पार्टी का संरक्षक नियुक्त किया गया लेकिन आज तक मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। इसके बावजूद मैं दावे से कह सकता हूं कि मैं पार्टी के किसी भी सदस्य के खिलाफ कोई भी एक्शन ले सकता हूं।

सपा-बसपा गठबंधन की प्रासंगिकता पर सवाल लगाते हुए मुलायम ने कहा कि आधी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला कर चुनाव से पहले ही आधी सीटों का नुकसान किया जा चुका है और बाकी बची सीटों पर उम्मीदवारों और दूसरे चीजों का फैसला होगा। सपा संस्थापक ने कहा मेरे नेतृत्व में सपा ने उत्तर प्रदेश में 39 सीटों पर सफलता के झंडे गाड़े थे और बाद में तीन सीटे उपचुनाव में जीत हासिल कर झटकी थी। मैने तीन बार उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई लेकिन पार्टी के सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। अब हालात जुदा है। मौजूदा नेतृत्व आधी सीटों का त्याग चुनाव से पहले ही कर चुका है।

सपा में महिलाओं की घटती तादाद पर बुजुर्ग नेता ने कहा, आज मात्र नौ महिलाएं मुझे सुनने आई हैं जबकि पहले 40 से ज्यादा महिलाओं की मौजूदगी मेरी हर सभा में होती थी। इससे पता चलता है कि पार्टी किस रास्ते पर जा रही है। यादव ने बगैर किसी का नाम लिए कहा, कुछ लोग मुझे मीडिया के सामने सुनना पसंद नहीं करते लेकिन मैने मीडिया से कभी कुछ छिपाने की कोशिश नहीं की। मैने हमेशा सच बोला है। आप अपनी कमजोरियों को मीडिया से कैसे छिपा सकते हैं?

अखिलेश को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होने कहा कि मध्यप्रदेश में सपा का मजबूत आधार था लेकिन अब वहां पार्टी का जनाधार घटा है जिसका कारण है कि नेता पडोसी राज्य में कम दिलचस्पी ले रहे हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए उन्होने कहा, हम पहले ही देरी कर चुके है लेकिन मुझे मजबूत प्रत्याशी दीजिये। उनके प्रार्थनापत्र पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और उम्मीदवारों की सूची को जल्द ही फाइनल किया जिससे उन्हे मतदाताओं का विश्वास जीतने का समय मिल सके।

About The Author: Dakshin Bharat