अहमदाबाद/भाषा। ‘पुरुषों के उत्पीड़न’ के खिलाफ आवाज उठाने वाले गैर-सरकारी संगठन ‘अखिल भारतीय पत्नी अत्याचार विरोधी संघ’ के प्रमुख दशरथ देवड़ा एक बार फिर चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव में गुजरात से अपनी किस्मत आजमाएंगे।
उन्होंने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह ‘पत्नियों से पीड़ित’ पतियों के लिए आवाज उठाएंगे। उन्होंने मंगलवार को अहमदाबाद पूर्व लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन भरा।
देवड़ा ने कहा, मैं उन पतियों के लिए लड़ना जारी रखूंगा जिन्हें उनकी पत्नियों या ससुराल वालों दहेज के नाम पर पीड़ित किया है।
देवड़ा तीसरी बार चुनावी मैदान में उतर रहे हैं। इससे पहले वह 2014 लोकसभा और 2017 विधानसभा चुनाव में मैदान में उतर चुके हैं लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
देवड़ा ने कहा, मैं दूसरे उम्मीदवारों की तरह प्रचार पर पैसा नहीं खर्च करता। मैं घर-घर जाकर लोगों से मिलता हूं और उनसे वादा करता हूं कि मैं पुरुषों के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करूंगा। अगर मैं सत्ता में आया तो उन पतियों के लिए आवाज उठाऊंगा जिनकी पत्नियां भादंवि की धारा 498 (घरेलू हिंसा) का इस्तेमाल कर उन्हें पीड़ित कर रही हैं।
देवड़ा ने कहा कि वह भादंवि की इस धारा को खत्म करने की दिशा में काम करेंगे, जिसका कई लोगों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने पुरुषों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग की स्थापना करने की मांग का मुद्दा भी उठाया।