वाराणसी/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने बड़ा दांव चला है। यहां से सपा ने अपना प्रत्याशी बदल दिया और बीएसएफ से बर्खास्त जवान तेज बहादुर यादव को टिकट दिया है। तेज बहादुर साल 2017 में उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने बीएसएफ में कथित तौर पर खराब खाना दिए जाने की शिकायत की थी। उनका वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसके बाद बीएसएफ ने उन्हें बर्खास्त कर दिया।
अब वे वाराणसी से सपा के प्रत्याशी के तौर पर महागठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देंगे। सपा ने पहले यहां से शालिनी यादव को टिकट दिया था, जिनका नाम वापस ले लिया। तेज बहादुर ने इससे पहले ऐलान किया था कि वे प्रधानमंत्री के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बाद में महागठबंधन ने उन पर दांव लगाया। आम आदमी पार्टी ने भी तेज बहादुर का समर्थन किया है।
सपा के प्रदेश प्रवक्ता मनोज राय धूपचंडी पूर्व जवान तेज बहादुर को लेकर नामांकन करने पहुंचे थे। उन्होंने मीडिया को जानकारी दी कि वाराणसी से तेज बहादुर सपा-बसपा-रालोद गठबंधन की ओर से प्रत्याशी बनाए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण वाराणसी एक हॉट सीट रही है। यहां से प्रियंका गांधी के भी चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन आखिरकार कांग्रेस ने अजय राय को टिकट दिया जो पिछली बार भी मोदी के सामने चुनाव लड़ चुके हैं और तीसरे नंबर पर रहे थे।
अब बीएसएफ के पूर्व जवान को उतारे जाने से वाराणसी का मुकाबला रोचक हो गया है। तेज बहादुर कई मौकों पर कह चुके हैं कि उन्होंने कथित तौर पर भ्रष्टाचार उजागर करने का प्रयास किया, लेकिन बदले में उन्हें ही बर्खास्त कर दिया गया। अब वाराणसी में तेज बहादुर के चुनाव लड़ने से विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सवाल उठा सकता है।
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