सिंधिया का दावा- दीर्घकालीन हितों के लिए कांग्रेस ने उप्र में अकेले लड़ा लोकसभा चुनाव, बेहतर आएंगे नतीजे

सिंधिया का दावा- दीर्घकालीन हितों के लिए कांग्रेस ने उप्र में अकेले लड़ा लोकसभा चुनाव, बेहतर आएंगे नतीजे

ज्योतिरादित्य सिंधिया

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उम्मीद जताई है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 2014 के लोकसभा चुनाव नतीजों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगी। उप्र में अपने बूते चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस से सपा-बसपा ने गठबंधन नहीं किया है। इस पर सिंधिया ने कहा कि पार्टी ने ‘दीर्घकालीन हितों’ को ध्यान में रखते हुए राज्य में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया।

सिंधिया ने दावा किया कि उप्र में कांग्रेस को मजबूत करने की रणनीति है और इसके नतीजे दिखाएंगे कि अपने दम पर चुनाव लड़ना का फैसला सही था। बता दें कि लोकसभा में सर्वाधिक सांसद (80) भेजने वाले उप्र मेंं चुनावी तैयारियों में व्यस्त रहने के बाद अब ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश की गुना संसदीय सीट पर चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटे हैं। यह सिंधिया का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है।

कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उत्तर प्रदेश (पश्चिम) की जिम्मेदारियां सौंपे जाने के बाद सिंधिया के सामने भाजपा के अलावा गठबंधन से मुकाबले की चुनौती भी है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश में अपने दम पर खड़े होने और राज्य में पार्टी को मजबूत करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में नतीजों के बाद आप देखेंगे कि पार्टी के दीर्घकालीन हित को दिमाग में रखकर यह संभवत: सही फैसला है।

सिंधिया ने इस बार पूरे उत्तर प्रदेश में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को फैसला करने दीजिए। क्या सपा-बसपा-रालोद गठबंधन से कांग्रेस को नुकसान होगा? इस पर उन्होंने कहा कि हर दल उस जगह आगे रहेगा जहां वह सबसे मजबूत है। महागठबंधन से कांग्रेस की संभावनाओं को नुकसान पहुंचने या इसके विपरीत होने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।

उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस पार्टी के पास सबसे मजबूत उम्मीदवार और सबसे मजबूत संगठन है। उन्होंने राजनीति को संभावनाओं की कला बताते हुए कहा कि आखिर में इसमें कुछ भी संभव है। आपको डटे रहना होगा और प्रयास करना होगा। कभी-कभी प्रयास रंग लाते हैं, कभी-कभी ऐसा नहीं हो पाता।

सिंधिया ने मप्र सरकार के कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि यहां विधानसभा चुनाव से पहले किए गए वादों को पूरा करने की दिशा में अच्छा काम हुआ है। मप्र में सत्ता ​परिवर्तन के बाद बिजली कटौती जैसी समस्या पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि यह समस्या हमें विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से सरकार निपट रही है।

सिंधिया ने किसानों की कर्जमाफी के संबंध में कहा कि यह वादा पूरा किया जा रहा है। मप्र में विधानसभा चुनाव के दौरान संभावित मुख्यमंत्री के तौर पर देखे जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कभी पद की इच्छा नहीं रखी। उन्होंने स्वयं के जीवन का लक्ष्य लोगों का विकास बताया। साथ ही कहा कि जीवन का लक्ष्य सत्ता या पद प्राप्त करना नहीं है। उन्होंने पद और ताकत के बजाय सेवा को महत्वपूर्ण बताया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने स्वयं के लिए पार्टी के फैसले को सर्वोपरि बताया।

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