नई दिल्ली/भाषा। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर उसने आतंकी गतिविधियों को समर्थन देना बंद नहीं किया तो भारत सिंधु जल समझौते को तोड़ कर जलापूर्ति रोक देगा।
गडकरी ने बृहस्पतिवार को बताया, सिंधु जल समझौते के नाम से 1960 में किए गए करार की मूल शर्त दोनों देशों के बीच भाईचारा, सौहार्द और सहयोग को बढ़ाना है। पाकिस्तान की तरफ से भारत को कोई सौहार्द और सहयोग नहीं मिल रहा है। सौहार्द और सहयोग के बदले में अगर हमें बम के गोले मिल रहे हों तो फिर हमारे लिए वह करार मानने का कोई कारण नहीं है।
उन्होंने कहा, इसलिए हम यह क़रार तोड़ देंगे और अपना पानी अपने राज्यों को स्थानांतरित कर देंगे। अगर पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं करेगा तो हम उनका पानी बंद कर देंगे।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 1960 में भारत और पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्रियों, पंडित जवाहरलाल नेहरू और अयूब खान ने विश्व बैंक की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच सिंधु जल क़रार किया था। इसके तहत भारत को पूर्व की तीन नदियों रावी, सतलुज और ब्यास तथा पाकिस्तान को सिंधु, चिनाब और झेलम के नियंत्रण का अधिकार मिला था। पाकिस्तान नियंत्रित तीनों नदियों का बहाव क्षेत्र और इनका बेसिन भारत में होना पाकिस्तान के लिए शुरू से चिंता का विषय रहा है।
गडकरी ने कहा कि क़रार के तहत जिन तीन नदियों का पानी भारत को मिलना था, वह पानी भी पाकिस्तान के पास ही जा रहा है। पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने इसके लिये कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा, अब हमने उस पानी को रोकने के लिये प्रोजेक्ट बनाया है ताकि पंजाब, हरियाणा और राजस्थान को पानी मिल सके।
एकपक्षीय तरीक़े से क़रार तोड़ने के भारत के अधिकार के सवाल पर गडकरी ने कहा, यह दो देशों के बीच किया गया सीधा करार है। कोई तीसरा देश इसके बीच में नहीं है, इसलिये हममें से कोई भी देश इस करार को कभी भी तोड़ सकता है।