नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को रक्षा सौदों के कथित मामले को लेकर घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी उस कंपनी में हिस्सेदार थे जो दलाली की गतिविधियों में शामिल थी।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसे शख्स की कहानी है जो रक्षा सौदा करने का इच्छुक है और आज भारत का पीएम बनने की इच्छा रखता है। यह एक गंभीर आरोप है। वित्त मंत्री का इशारा राहुल की ओर था। उन्होंने आरोप लगाया कि अमेरिकी नागरिक यूलरिक मैकनाइट, राहुल गांधी का बिजनेस पार्टनर और ‘सोशल गैंग’ का सदस्य है।
बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यूलरिक की सहयोगी कंपनियों को फ्रांस की नेवल ग्रुप कंपनी के ऑफसेट पार्टनर के रूप में डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट प्राप्त हुआ। रिपोर्ट में इस सौदे के संबंध में स्कॉर्पियन सबमरीन का जिक्र किया गया। इसके बाद भाजपा ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कांग्रेस और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पर हमला बोला।
जेटली ने आरोप लगाया कि भारत में 28 मई, 2002 को बैकऑप्स प्रा. लिमिटेड नामक कंपनी बनी। इसके डायरेक्टर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बने। वहीं, ब्रिटेन में भी 21 अगस्त, 2003 को इसी नाम से कंपनी का निर्माण हुआ। इसके डायरेक्टर राहुल गांधी और एक अमेरिकी नागरिक यूलरिक मैकनाइट बने।
वित्त मंत्री ने आरोप लगाया कि यूलरिक ब्रिटिश कंपनी बैकऑप्स का को-प्रमोटर था, जिसमें उसकी हिस्सेदारी 35 प्रतिशत और राहुल की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि साल 2009 में राहुल इस कंपनी से अलग हो गए और इसका संचालन भी बंद हो गया। उनके मुताबिक, इस कंपनी की कोई निर्माण इकाई नहीं है। उन्होंने इसे लाइजनिंग फर्म कहा है।
जेटली ने कहा कि राहुल गांधी ब्रिटेन की लाइजनिंग करने वाली कंपनी के डायरेक्टर थे। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी राहुल पर ऐसे आरोप लगे लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि चुप रहने का अधिकार किसी केस में आरोपी को हो सकता है, एक राजनेता को नहीं।