लखनऊ/दक्षिण भारत। कभी समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी रहे राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमला बोला है। उन्होंने सपा-बसपा अलगाव और पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की स्थिति को लेकर अखिलेश पर जमकर निशाना साधा।
अमर सिंह ने अखिलेश की तुलना बादशाह औरंगजेब से की जिसने गद्दी पाने के लिए अपने पिता को ही जेल में डाल दिया था। उन्होंने अखिलेश के फैसलों पर सवाल उठाते हुए उनकी तुलना कालिदास से भी की, जो जिस पेड़ की डाल पर बैठे थे उसे ही काट रहे थे।
अमर सिंह ने कहा कि सपा के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में वे बहादुर शाह जफर को याद कर रहे हैं जिसका अंत मुलायम सिंह यादव की तरह बेहद दुखद रहा था। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव औरंगजेब की तरह हैं जिसने अपने पिता को इसलिए जेल में डाल दिया था कि उसकी ताजपोशी को कोई खतरा न हो।
अमर सिंह ने लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा के गठबंधन और प्रत्याशियों के चयन पर अखिलेश को घेरा। उन्होंने कहा कि मायावती ने अखिलेश यादव को मुस्लिम विरोधी बताया है। यह आरोप अखिलेश यादव के साथ जुड़ने जा रहा है क्योंकि अफजाल अंसारी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार होते थे। अमर सिंह ने कहा कि उस समय मुलायम सिंह और शिवपाल ने उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया था, तब अखिलेश ने एक मुसलमान का विरोध करते हुए अपने पिता को अध्यक्ष पद से और अपने चाचा को दल से निकाल दिया। उन्होंने स्वयं के बारे में कहा कि पार्टी से उनकी भी छुट्टी कर दी गई थी।
अमर सिंह ने कहा कि मायावती का अखिलेश के मुसलमान विरोधी होने के आरोप को पूरी तरह से दरकिनार नहीं किया जा सकता। उन्होंने सवाल किया कि अखिलेश इतना ज्यादा अफजाल अंसारी के विरोधी थे तो उन्होंने महागठबंधन का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद मायावती से संबंध क्यों नहीं तोड़ा।
इसके बाद अमर सिंह ने अखिलेश को संबोधित करते हुए कहा कि अपने बाप, चाचा और अंकल को छोड़ दिया, बुआजी को क्यों गले लगाकर रखा। इसलिए बुआजी की बात में तर्क तो है। अमर सिंह ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां अखिलेश को कहेंगी कि ऐसा कोई सगा नहीं जिसे अखिलेश बेटा तुमने ठगा नहीं। अमर सिंह के इस बयान को लेकर ट्विटर पर लोग चुटकी ले रहे हैं।