बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक में कई दिनों से चल रहा ‘सियासी नाटक’ मंगलवार को कांग्रेस-जनता दल (एस) के गठबंधन वाली सरकार के पतन के साथ समाप्त हुआ। विश्वासमत के दौरान एचडी कुमारस्वामी सरकार को केवल 99 वोट मिले। वहीं, विपक्ष के खाते में 105 वोट आए।
कुमारस्वामी ने शाम को सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया था। इस पर अध्यक्ष ने वोटिंग कराई। कार्यवाही के दौरान सदन में 204 विधायक उपस्थित थे। बहुमत साबित करने में वंचित रही 14 महीने पुरानी सरकार आखिरकार गिर ही गई। बता दें कि विश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए कुमारस्वामी ने कहा था कि वे खुशी-खुशी पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। अपने संबोधन में कुमारस्वामी ने कहा, मैं राजनीति में नहीं आना चाहता था, लेकिन भाग्य यहां ले आया।
उन्होंने कहा कि विश्वास मत की कार्यवाही को लंबा खींचने की उनकी कोई मंशा नहीं थी। कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं विधानसभाध्यक्ष और राज्य की जनता से माफी मांगता हूं।’ गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने अधिकारियों से विधायकों की गिनती कराई थी। पहले सत्ता पक्ष के सदस्यों की गिनती हुई। इसके बाद विपक्ष के सदस्यों को गिना गया।
सरकार के समक्ष पिछले दिनों उस समय संकट खड़ा हो गया था जब दर्जनभर से ज्यादा विधायकों ने बगावत कर दी। ऐसे में सरकार को बचाए रखने के लिए विश्वास मत प्रस्ताव को टाला जा रहा था, लेकिन मंगलवार को सरकार को विश्वास मत प्रस्ताव की कार्यवाही का सामना करना पड़ा और उसका पतन हो गया।