रामपुर/लखनऊ/भाषा। समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद आजम खां को रामपुर जिला प्रशासन द्वारा ‘भू-माफिया’ घोषित किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने कहा कि वह किसी के खिलाफ विद्वेष की भावना से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। विधान परिषद में सपा द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद सरकार ने यह बात कही।
उधर, रामपुर के अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जेपी गुप्ता ने बताया कि सपा सांसद आजम खां के खिलाफ गुरुवार को जमीन पर जबरन कब्जे के आरोप में मुकदमा दर्ज होने के बाद उनका नाम एंटी-भू माफिया पोर्टल पर बनी सूची में शामिल कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उपजिलाधिकारी सदर ने खान का नाम भू-माफिया की श्रेणी में शामिल किया है। उनके खिलाफ जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जिलाधिकारी एके सिंह ने बताया कि किसानों का दावा है कि खान ने मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए उनकी जमीन जोर-जबर्दस्ती करके ले ली है। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसने आपराधिक जोर-जबर्दस्ती से किसी की जमीन पर कब्जा कर लिया हो और उस पर अपना दावा बनाए रखता हो, उसे भू-माफिया की श्रेणी में शामिल किया जाता है।
हालांकि सपा ने खान को भू-माफिया घोषित किए जाने को उनकी तथा जौहर विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने की रामपुर के जिलाधिकारी की साजिश करार दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खान के खिलाफ रामपुर में दर्ज ‘फर्जी मुकदमों’ की जांच के लिए विधान परिषद में पार्टी और विपक्ष के नेता अहमद हसन की अगुवाई में 21 सदस्यीय समिति पहले ही गठित की है।
उधर, सपा सदस्यों ने शुक्रवार को यह मुद्दा राज्य विधानमण्डल में भी उठाया। जहां विधानसभा में सपा सदस्यों ने हाथों में तख्ती लेकर विरोध जताया, वहीं विधान परिषद में भी इस मुद्दे पर सपा और भाजपा के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
विधान परिषद में प्रश्न प्रहर शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने सपा सांसद आजम खान पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें भू-माफिया घोषित किए जाने पर सदन में अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए मांग की कि इस प्रकरण की जांच के लिये सदन की एक सर्वदलीय समिति बना दी जाए।
उन्होंने कहा कि आजम खान सपा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और वे प्रदेश विधानसभा के सदस्य और सरकार में मंत्री रह चुके हैं। अब वे सांसद हैं। इतने बड़े नेता के साथ सरकार ऐसी हरकत राजनीतिक द्वेषवश कर रही है और उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।
इस पर नेता सदन उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि सर्वदलीय समिति की अभी कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष द्वारा जिस कमेटी का गठन किया गया है अभी उसने ही जांच नहीं की है।
उन्होंने कहा कि सभी के साथ समान व्यवहार करने की सरकार की नीति रही है। सरकार किसी के खिलाफ विद्वेष की भावना से कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। कोई साधारण व्यक्ति भी किसी के खिलाफ रिपोर्ट लिखाना चाहता है तो सरकार ने उसके लिए आनलाइन रिपोर्ट लिखाने की व्यवस्था कर रखी है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकरण में परीक्षण के बाद ही कार्रवाई की जाती है।
शर्मा ने कहा कि सरकार पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो मिथ्यापूर्ण हैं और सरकार की नीति और नीयत से उनका कोई लेना-देना नहीं है। नेता सदन के इस बयान पर सपा के सभी सदस्यों ने हंगामा किया।