कोलकाता/भाषा। इस साल के प्रारंभ में आम चुनाव के दौरान पश्चिम बंगाल में मिले चुनावी फायदे को राज्य में 2021 होने वाले विधानसभा चुनाव में और बेहतर बनाने के इरादे से प्रदेश भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के बीच से उम्मीदवारों के चयन के लिए प्रतिभाशाली लोगों का एक समूह तैयार कर रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार इस कार्यक्रम का लक्ष्य भाजपा कार्यकर्ताओं को मजबूत जमीनी स्तर के नेताओं के तौर पर तैयार करना है। इस कवायद के साल के आखिर या 2020 के प्रारंभ तक पूरा हो जाने की संभावना है। भाजपा ने अप्रैल-मई में संसदीय चुनाव में पश्चिम बंगाल में 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीती थीं। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीती थीं।
भाजपा के लिए 2014 के मुकाबले 2019 लोकसभा चुनाव में यह शानदार प्रदर्शन था। उसे 2014 के आम चुनाव में राज्य में महज दो सीटें आई थीं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, हमने प्रतिभाशाली लोगों के समूह के गठन के वास्ते हर निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पार्टी के चार सदस्यों की पहचान की प्रक्रिया शुरू की है। चुने गए पार्टी कार्यकर्ताओं को भावी संगठनात्मक नेताओं और 2021 के विधानसभा चुनाव के लिए संभावित उम्मीदवारों के रूप में तैयार किया जाएगा।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस कार्यक्रम का लक्ष्य पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक एवं जनाधार वाले नेताओं के रूप में तैयार करना तथा उन्हें उनके क्षेत्रों में पार्टी का चेहरा बनाना है। उन्होंने कहा कि भाजपा विधानसभा क्षेत्र में चुने गए चार सदस्यों के कामकाज के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उनमें से एक को अपना उम्मीदवार बनाएगी और बाकी को संगठन की जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी।
उन्होंने कहा कि निश्चित ही पुराने कार्यकर्ताओं को वरीयता दी जाएगी लेकिन यदि अन्य दल से पार्टी में आया व्यक्ति बेहतर पाया गया तो उसे मौका मिलेगा। पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रदेश भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने इस कवायद की जरूरत को और स्पष्ट करते हुए कहा कि भले ही भाजपा ने पश्चिम बंगाल में गहरी पैठ बना ली है लेकिन जमीनी कार्यकर्ताओं के लिहाज से वह अब भी सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से पीछे है।
भाजपा ने अच्छे संगठनकर्ताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को अपने संगठन के अंदर लाने के लिए पार्टी संगठन में फेरबदल करेगी। भाजपा के प्रदेश मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, जिलों और स्थानीय क्षेत्रों, जहां बस नियुक्ति के नाम पर पहले नेता नियुक्त किए गए थे, उनके स्थान पर अच्छे और कुशल व्यक्ति लाए जाएंगे। लेकिन जो अच्छे संगठनकर्ता और नेता है, उन्हें नई समितियों में बरकरार रखा जाएगा।
भाजपा ने 294 सदस्यीय विधानसभा में कम से कम 250 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है। भाजपा की योजना को खारिज करते हुए तृणमूल कांग्रेस के महासचिव ने कहा, भाजपा का राज्य में सत्ता में आने का सपना सपना ही रह जाएगा। साल 2021 में भी बंगाल फिर ममता बनर्जी को ही चुनेगा।