शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के प्रयास तेज किए, सारा ध्यान अब दिल्ली की तरफ

शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के प्रयास तेज किए, सारा ध्यान अब दिल्ली की तरफ

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे

नई दिल्ली/भाषा। महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कुछ ही समय शेष रह जाने के बीच शिवसेना गठबंधन बनाने की दिशा में सोमवार को तमाम जद्दोजहद करती नजर आ रही है। दूसरी तरफ, कांग्रेस और राकांपा इस दक्षिणपंथी पार्टी को अपना समर्थन देना है या नहीं, इस विषय पर गहन मंथन कर रही हैं।

नई दिल्ली और मुंबई में एक के बाद एक हो रही बैठकों के बीच, राकांपा ने कहा है कि वह शिवसेना नीत सरकार को समर्थन देने के विषय पर अपने सहयोगी कांग्रेस के साथ मिलकर फैसला करेगी। कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने के विषय पर अंतिम निर्णय महाराष्ट्र के नेताओं के साथ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की शाम चार बजे होने जा रही एक बैठक में लेगी।

महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास राज्य में सरकार बनाने की दावेदारी करने के लिए सोमवार को शाम साढ़े सात बजे तक का समय है। सुबह, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने केंद्र की राजग सरकार से इस्तीफा देने की घोषणा की।

राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि उनकी पार्टी का समर्थन हासिल करने से पहले शिवसेना को पहले राजग के साथ अपने संबंध तोड़ने होंगे। इसी के मद्देनजर सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। कांग्रेस अपनी कार्य समिति की बैठक में महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति पर पहले ही चर्चा कर चुकी है।

महाराष्ट्र के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खरगे ने सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद कहा, हम शाम चार बजे फिर से बैठक करेंगे और राज्य के नेताओं के साथ बैठक के बाद इस मुद्दे पर फैसला लेंगे। उल्लेखनीय है कि किसी विषय पर निर्णय लेने के लिहाज से सीडब्ल्यूसी कांग्रेस का शीर्ष निकाय है।

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के विधायक फिर से चुनाव कराने के पक्ष में नहीं हैं और भाजपा को सत्ता से बाहर रखना चाहते हैं इसलिए शिवसेना को बाहर से समर्थन देने के पक्ष में हैं। महाराष्ट्र के तीन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट और कांग्रेस विधायक दल के नेता के सी पाडवी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे।

खरगे ने कहा कि राज्य के नेता पार्टी नेतृत्व को अपने विचारों से अवगत कराएंगे और पार्टी उसके बाद ही अपने अगले कदम पर निर्णय करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एमएम पल्लम राजू ने कहा, हमने दक्षिणपंथी पार्टी से हमेशा से दूरी बनाए रखी है जो कि शिवसेना है। उनके आंतरिक मतभेदों ने महाराष्ट्र में यह स्थिति पैदा कर दी है।

मुंबई में, राकांपा नेता नवाब मलिक ने कहा कि राज्य में लोगों की दशा को ध्यान में रखते हुए एक विकल्प उपलब्ध कराना ‘हम सबकी’ जिम्मेदारी है। हालांकि, मलिक ने यह भी कहा कि राकांपा शाम को कोई भी फैसला अपनी सहयोगी कांग्रेस के साथ सहमति बना कर ही लेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना और राकांपा के बीच संवाद जारी है।

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