मुंबई/भाषा। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाने का उनके भतीजे अजित पवार का फैसला अनुशासनहीनता है और यह दल-बदल विरोधी कानून के दायरे में आता है। वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि पहले ‘ईवीएम का खेल’ चल रहा था और अब यह ‘नया खेल’ है।
राकांपा अध्यक्ष ने यहां शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अजित पवार का फैसला अनुशासनहीनता है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का कोई कार्यकर्ता राकांपा-भाजपा सरकार के समर्थन में नहीं है। भाजपा का समर्थन करने वाले राकांपा विधायकों को पता होना चाहिए कि उनके इस कदम पर दल-बदल विरोधी कानून के प्रावधान लागू होते हैं।’
उन्होंने कहा कि इन विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में जब कभी चुनाव होंगे, तो कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना उन्हें मिलकर हराएंगी। पवार ने कहा कि राकांपा के 54 नवनिर्वाचित विधायकों ने अंदरूनी उद्देश्यों के लिए अपने नाम और निर्वाचन क्षेत्रों के साथ एक पत्र पर हस्ताक्षर किए थे और समर्थन पत्र के लिए इन हस्ताक्षरों का दुरुपयोग किया गया होगा तथा इसे राज्यपाल को सौंपा गया होगा।
उन्होंने कहा, ‘यदि यह सच है तो राज्यपाल को भी गुमराह किया गया है।’ पवार ने कहा कि यह पत्र अजित पवार ने विधायक दल के नेता के तौर पर लिया होगा। उन्होंने कहा कि जिन विधायकों को शपथ ग्रहण समारोह की जानकारी दिए बिना राजभवन लाया गया, उन्होंने उनसे संपर्क किया और बताया कि उन्हें कैसे गुमराह किया गया।
बुलढाणा से राजेंद्र शिंगणे और बीड से संदीप क्षीरसागर समेत ऐसे तीन विधायक संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। विधायकों ने बताया कि उन्हें सुबह सात बजे पार्टी नेता धनंजय मुंडे के आवास बुलाया गया और फिर उन्हें कार से राजभवन ले जाया गया।
पवार ने कहा कि उन विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी जो अनजाने में राजभवन गए थे और पार्टी में लौट आए हैं। राकांपा विधायक दल की दिन में बाद में बैठक होगी, जिसमें नए नेता का चयन किया जाएगा। राकांपा प्रमुख ने अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई के बारे में कहा कि इस संबंध में फैसला अनुशासन समिति लेगी।
उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘पहले ईवीएम का खेल चल रहा था और अब यह नया खेल है। मुझे नहीं लगता कि अब से चुनाव कराने की कोई आवश्यकता भी है।’ उद्धव ने कहा, ‘हर कोई जानता है कि जब छत्रपति शिवाजी महाराज को धोखा देकर उन पर पीछे से वार किया गया था तो उन्होंने क्या किया था।’ उन्होंने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ता पार्टी के विधायकों का दल-बदल कराने की सभी कोशिशें नाकाम कर देगी।