नई दिल्ली/भाषा। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
इससे एक दिन पहले यह विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर भागकर भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
आईयूएमएल ने आरोप लगाया कि यह विधेयक संविधान के समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। मुस्लिम लीग के सांसद पीके कुनहालकुट्टी ने कहा कि यह हमारे संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि अपने वकील के तौर पर कपिल सिब्बल को नियुक्त किया है। मुस्लिम लीग के सांसद ने यह विधेयक पारित होने को ‘काला दिन’ बताया है। उल्लेखनीय है कि यह विधेयक सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया था।