भोपाल/भाषा। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर उनसे कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत अल्पमत सरकार द्वारा संवैधानिक पदों की जा रही नियुक्तियों को रद्द करने और पिछले तीन दिन में सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाने की मांग की है।
राजभवन में राज्यपाल से मिलने के बाद चौहान ने संवाददताओं से कहा, ‘मध्यप्रदेश की वर्तमान सरकार अल्पमत की सरकार है। राज्यपाल ने भी दो बार पत्र लिख कर मुख्यमंत्री कमलनाथ को सदन में बहुमत सिद्ध करने का अवसर दिया। पहले 16 मार्च को और फिर 17 मार्च तक। लेकिन सरकार बहाने बनाकर बहुमत परीक्षण से बच रही है।’
उन्होंने कहा, ‘अल्पमत की सरकार लगातार नियुक्तियां कर रही है। इनमें से कई नियुक्ति संवैधानिक प्रकृति की हैं और उनका कार्यकाल निश्चित होता है, जैसे अध्यक्ष राज्य महिला आयोग, अध्यक्ष राज्य युवा आयोग, सदस्य मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग इत्यादि। इन जगहों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बैठाया जा रहा है।’
यह दावा करते हुए कि राज्यपाल टंडन को इन नियुक्तियों की जानकारी नहीं है, चौहान ने कहा, ‘हमने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि संवैधानिक पदों पर की जा रही इन नियुक्तियों पर तत्काल रोक लगाई जाए।’ उन्होंने कहा कि हमने पिछले तीन दिन में मौजूदा सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों पर रोक लगाने की मांग भी राज्यपाल से की है।
यह पूछने पर कि कांग्रेस का दावा है कि भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है, चौहान ने कहा, ‘भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस नहीं दिया है। जब राज्यपाल विश्वास मत का निर्देश दे रहे हैं तो भाजपा अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाएगी? यह सिर्फ भ्रम फैलाकर समय बर्बाद करने का प्रयास है।’
कांग्रेस द्वारा उनके 22 विधायक को बेंगलूरु में भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने के आरोप पर उन्होंने कहा, ‘वो विधायक बंधक नहीं हैं। खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उनका दम अगर घुटता तो कमलनाथ सरकार में घुटता है। इस सरकार ने इतनी तबाही और बर्बादी फैलाई है कि कांग्रेस के इन विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दिया।’
चौहान के अलावा राज्यपाल से मिले इस प्रतिनिधिमंडल में मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं विधायक भूपेंद्र सिंह और रामपाल सिंह शामिल थे।