मप्र में सिंधिया खेमे के विधायकों सहित इस्तीफा देने वाले वाले विधायकों की संख्या बढ़कर 22 हुई

मप्र में सिंधिया खेमे के विधायकों सहित इस्तीफा देने वाले वाले विधायकों की संख्या बढ़कर 22 हुई

भोपाल/भाषा। मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के मंगलवार सुबह कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद प्रदेश में मची सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश कांग्रेस सरकार से नाराज कांग्रेस के बागी हुए विधायकों का विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने का सिलसिला शाम होते-होते बढ़कर 22 तक पहुंच गया है।

मध्य प्रदेश में मचे इस सियासी भूचाल के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार संकट में नजर आ रही है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी विधायक बिसाहूलाल सिंह ने भी भाजपा की सदस्यता लेने के साथ विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एंदल सिंह कंसाना और देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट से कांग्रेस के ही विधायक मनोज चौधरी ने भी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही इस्तीफा देने वाले कांग्रेस के बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है।

इससे पहले मंगलवार सुबह को कांग्रेस के सिंधिया खेमे के 19 विधायकों ने ईमेल से राजभवन (राज्यपाल निवास) को अपना त्यागपत्र भेज दिया। खबरों के अनुसार सिंधिया खेमे के यह कांग्रेसी विधायक बेंगलूरु के एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए हैं।

प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के कुल 114 विधायक हैं जबकि भाजपा के 107 विधायक हैं। प्रदेश में कुल 230 सीटें है जबकि दो सीटें फिलहाल रिक्त हैं। कंसाना ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित अपने दो लाइन के पत्र में कहा, ‘मैं एंदल सिंह कंसाना 10 मार्च 2020 को विधानसभा सीट से इस्तीफा देता हूं।’

कंसाना, सिंधिया के राजनीतिक गढ़ चंबल इलाके के मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। विधायकों के अलावा प्रदेश कांग्रेस के विभिन्न पदों पर सिंधिया समर्थकों के त्यागपत्र का दौर भी शुरू हो गया है।

सिंधिया समर्थक प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी और इंदौर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही सिंधिया के प्रभाव क्षेत्र ग्वालियर, शिवपुरी जिले से भी कांग्रेस संगठन में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है।

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