नई दिल्ली/भाषा। कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा गया है। हालांकि कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि सिंधिया को मनाने के प्रयास अब भी जारी हैं। मध्य प्रदेश के कांग्रेस के 17 विधायकों एवं मंत्रियों के बेंगलूरु में होने की खबर है। ये सिंधिया के करीबी बताए जाते हैं।
सूत्रों के मुताबिक सिंधिया के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने और प्रधानमंत्री आवास जाने की जानकारी सामने के आने के बाद सिंधिया को आखिरी समय मनाने के प्रयास चल रहे हैं। माना जा रहा है कि सिंधिया आज अपने अगले कदम को लेकर कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं। अगर वह कांग्रेस छोड़ने का फैसला करते हैं तो फिर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर संकट गहरा जाएगा।
राज्य में कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उसे चार निर्दलीय, बसपा के दो और समाजवादी पार्टी के एक विधायक का समर्थन हासिल है। भाजपा के 107 विधायक हैं। सियासी संकट के बीच कमलनाथ सरकार के मंत्रियों ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि मंत्रिमंडल का नए सिरे से गठन किया जाएगा।
सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों से सोमवार को बार-बार प्रयास के बावजूद कोई संपर्क नहीं हो पाया। मध्य प्रदेश के घटनाक्रम के बीच, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं आशा करता हूं कि मध्य प्रदेश में मौजूद संकट जल्द खत्म होगा और नेता मतभेदों को दूर लेंगे। लोगों से चुनावी वादे को पूरा करने के लिए राज्य को स्थिर सरकार की जरूरत है।’
सिंधिया के आज ग्वालियर जाने की भी संभावना है जहां उनके दिवगंत पिता माधव राव सिंधिया की जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम होना है। इस बीच, कांग्रेस ने माधव राव सिंधिया की जयंती पर उन्हें याद किया।
पार्टी के अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए कहा, ‘माधव राव सिंधिया की जयंती पर हम उन्हें सम्मान याद करते हैं। वह नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और रेल मंत्री के तौर पर सेवा दी। उनके कार्यकाल के दौरान ही पहली शताब्दी ट्रेन की शुरुआत हुई।’ माधव राव सिंधिया की जयंती पर मध्य प्रदेश भाजपा और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उन्हें याद किया।