मप्र विश्वास मत प्रक्रिया के दौरान सदन में मौजूद नहीं था कांग्रेस का कोई विधायक

मप्र विश्वास मत प्रक्रिया के दौरान सदन में मौजूद नहीं था कांग्रेस का कोई विधायक

कांग्रेस

भोपाल/भाषा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक दिन बाद, शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को विश्वास मत हासिल किया। विधानसभा में भाजपा सरकार ने विश्वास मत ध्वनिमत के जरिए हासिल किया। हालांकि इस दौरान सदन में विपक्षी दल कांग्रेस का कोई विधायक उपस्थित नहीं था।

सदन की संक्षिप्त बैठक में चौहान ने एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन में उपस्थित सत्ता पक्ष के विधायकों ने ध्वनिमत से अपना समर्थन दिया। स्पीकार की कुर्सी पर विराजमान वरिष्ठ विधायक जगदीश देवड़ा द्वारा विश्वास मत पारित करने की घोषणा के बाद सदन की कार्यवाही 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई।

इससे पहले मंगलवार सुबह को भाजपा ने एक अपने विधायकों को व्हिप जारी कर विश्वास मत के पक्ष में मत देने का कहा था। भाजपा के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति एवं उपाध्यक्ष हिना कांवरे द्वारा इस्तीफा देने के कारण भाजपा के वरिष्ठ विधायक जगदीश देवडा अध्यक्ष की आसंदी पर विराजमान हुए और सदन की कार्यवाही की।

उन्होंने दावा किया कि सदन में कुल 112 सदस्यों ने ध्वनि मत से चौहान का समर्थन किया। इनमें भाजपा के सदस्यों के अलावा, बसपा, सपा एवं निर्दलीय विधायक शामिल थे। इस प्रकार शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली, प्रदेश की नई भाजपा सरकार ने बहुमत हासिल कर लिया। उन्होंने कहा कि इसके बाद सदन की कार्यवाही को 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मिश्रा ने बताया कि 27 मार्च को लेखानुदान पेश किया जाएगा।

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