‘अराजकता’ का दूसरा नाम बन गया है झारखंड: नड्डा

‘अराजकता’ का दूसरा नाम बन गया है झारखंड: नड्डा

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा

नई दिल्ली/भाषा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर बरसते हुए कहा कि प्रदेश आज ‘अराजकता’ का दूसरा नाम बन गया है जहां नक्सली ‘दनदना’ रहे हैं, भ्रष्टाचार और ट्रांसफर उद्योग बन गया है तथा शासकवर्ग ‘मस्त, मूकदर्शक व बेपरवाह’ है।

झारखंड के आठ जिलों में नवनिर्मित कार्यालयों का वीडियो कांफ्रेंस से उद्घाटन करते हुए नड्डा ने प्रदेश भाजपा के नेताओं व कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे प्रदेश में चल रहे ‘कुशासन’ पर अंकुश लगाने के लिए जनता के बीच जाएं और एक सफल और अच्छी विपक्ष की भूमिका निभाएं।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘कहीं उग्रवाद, कहीं नक्सलियों का हमला, कहीं लोगों का अपहरण होना, कहीं दिनदहाड़े मारे जाना, कहीं लूट, कहीं डकैती, कहीं अपहरण। आज झारखंड में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। झारखंड अराजकता का दूसरा नाम बन गया है।’

नड्डा ने कहा कि भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार के समय झारखंड में नक्सलवाद करीब समाप्त हो गया था और लोग आराम से घूम फिर सकते थे लेकिन उसका प्रकोप आज फिर से बहुत बढ़ गया है।

उन्होंने कहा, ‘आज नक्सलवाद, जो दिखाई नहीं देता था, उसका प्रकोप इतना बढ़ गया है कि जो झारखंड छोड़ कर चले गए थे, वे आकर झारखंड में फिर से दनदना रहे हैं। वो मस्त हैं। यह तभी होता है जब शासन कमजोर होता है, जब शासक बेपवाह होता है। ये तभी होता है जब शासक को जनता की तकलीफ समझने की इच्छा नहीं होती।’

नड्डा ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे ऐसी सरकार को प्रजातांत्रिक तरीके से उखाड़ फेंके और इसके लिए जनता के बीच जाएं। भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कि झारखंड में आज भ्रष्टाचार और ट्रांसफर उद्योग बन गया है और वहां की सरकार समाज विरोधी तत्वों को बचाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘आज झारखंड में भ्रष्टाचार एक उद्योग बन गया है। प्रदेश में तबादला उद्योग बना है। हर तबादले के रेट तय हैं। इस पोस्ट के तबादले का इतना पैसा, उस पोस्ट पर तबादले का उतना पैसा। खुलेआम ये धंधा चल रहा है।’

हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चो (झामुमो) सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए नड्डा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ‘गुंडे और असामाजिक’ तत्वों का सहयोग कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘एक जो हमारा अच्छा शासन था वो समाप्त हुआ है। एक तरीके से जिसको कहे… गुंडे… ऐसे तत्व जो समाज विरोधी हैं… वो आज दनदना रहे हैं। शासन मूकदर्शक बना हुआ है। कहीं-कहीं सहयोग कर रहा है। कहीं-कहीं मामलों को दबाने का प्रयास कर रहा है।’

उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने के प्रदेश सरकार के तौर-तरीकों पर भी सवाल उठाए और कहा कि केंद्र की ओर से भेजा जा रहा राशन भी ठीक तरीके से जमीन पर नहीं पहुंच पा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘जिस तरीके से कोविड-19 के खिलाफ जंग में प्रदेश सरकार का प्रबंधन होना चाहिए था वह नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने जो राशन भेजा है वह भी जमीन पर नहीं पहुंचा है। प्रधानमंत्री इधर से राशन भेज रहे हैं लेकिन वह राशन भी ठीक से नहीं पहुंच रहा है। उसमें भी घोटाले हो रहे हैं।’

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यही फर्क पड़ता है ‘सुशासन’ का और ‘कुशासन’ का। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे इन सारे मुद्दों को जनता के बीच ले जाएं, उन्हें अवगत कराएं और उनके साथ मिलकर शासन पर अंकुश लगाएं।

उन्होंने कहा, ‘एक विपक्ष के नेता और कार्यकर्ता के रूप में शासन को हमें जगाना भी चाहिए और उन्हें उनकी जिम्मेवारी के बारे में बताना भी चाहिए। हमें सफल और एक अच्छे विपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए।’

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