कोलकाता/दक्षिण भारत। पश्चिम बंगाल की हेमताबाद सीट से भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रे का शव उत्तर दिनाजपुर जिले में बिंदल स्थित उनके घर के पास लटका हुआ मिला। पश्चिम बंगाल भाजपा ने आरोप लगाया है कि लोगों की स्पष्ट राय है, पहले विधायक की हत्या की गई, फिर उनका शव लटका दिया गया। विधायक के परिजन का आरोप है कि रे की हत्या हुई है, बाद में उनका शव लटकाया गया है।
देबेंद्र नाथ रे ने पिछले साल सीपीआई (एम) छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। मई 2019 में, वे सुभ्रांशु रॉय, तुषार कांति भट्टाचार्य और 50 से अधिक पार्षदों के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे।
विजयवर्गीय का तृणमूल सरकार पर वार
इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘निंदनीय और कायरतापूर्ण कृत्य! ममता बनर्जी के राज में भाजपा नेताओं की हत्या का दौर थम नहीं रहा .. हेमताबाद के विधायक देबेंद्र नाथ रे की हत्या कर दी गई। उनका शव फांसी पर लटका मिला। क्या इनका गुनाह सिर्फ भाजपा में आना था?’
उन्होंने कहा, ‘लोकतंत्र को कैसे कुचला जाता है, पश्चिम बंगाल की ममता सरकार इसका जीवंत उदाहरण है। राजनीतिक मतभेदों को हिंसक तरीके से दबाया जा रहा है, लेकिन लोकतंत्र का ये मखौल ज्यादा दिन का नहीं है! आखिर ममता राज का फैसला तो जनता ही करेगी।’
बता दें कि पश्चिम बंगाल में भाजपा के कई कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में यह पश्चिम बंगाल में बड़ा मुद्दा बना था। भाजपा इन हत्याओं के लिए राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाती रही है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ऐसे आरोपों को खारिज करती रही है।
जून 2019 में पश्चिम बंगाल के चलुनिया गांव निवासी भाजपा कार्यकर्ता समतुल दलुई का शव खेत में पेड़ से लटका मिला था। इसके बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस में खूब जुबानी जंग हुई थी। भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर हत्या का आरोप लगाया था। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया था। समतुल दलुई के एक रिश्तेदार ने दावा किया था कि उन्होंने एक कार्यक्रम में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगा दिया था, जिससे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता नाराज हो गए। थोड़ी देर बाद दलुई गायब हो गए और अगली सुबह उनका शव बरामद हुआ।
सितंबर 2019 में भाजपा के तत्कालीन कार्यकारी (अब राष्ट्रीय) अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि वे पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक हिंसा में ‘जान गंवाने वाले’ भाजपा के 80 कार्यकर्ताओं का तर्पण करेंगे। इसके बाद बाघबाजार घाट में तर्पण किया गया था।