अहमदाबाद/भाषा। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का बृहस्पतिवार को यहां निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पटेल हाल ही में कोविड-19 से उबरे थे। बृहस्पतिवार की सुबह स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों के चलते उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पटेल 92 वर्ष के थे। वह 1995 और फिर 1998 से 2001 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद नरेंद्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।
पटेल छह बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे। साल 2012 में भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने ‘गुजरात परिवर्तन पार्टी’ बनाई, जिसने 2012 में राज्य के विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया।
जूनागढ़ जिले के विसावदर शहर में 1928 में जन्मे पटेल 1945 में बतौर प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बतौर जन संघ कार्यकर्ता के तौर पर की थी।
पटेल के बेटे भरत पटेल ने कहा, ‘हालांकि, हाल ही में वह कोरोना वायरस से उबर गए थे, लेकिन संक्रमण से उनके शरीर पर पड़े प्रभाव के कारण उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी।’
उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘आज सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर हम उन्हें अस्पताल से ले गए। डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं बच पाए।’ पटेल ‘सोमनाथ ट्रस्ट’ के अध्यक्ष भी थे, जो सौराष्ट्र क्षेत्र में प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन करता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भाजपा के कद्दावर नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे गुजरात के लिए एक बड़ी क्षति बताया।
गढ़दा में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, ‘केशुभाई पटेल, जिन्होंने जन संघ के दिनों से भाजपा को मजबूत बनाया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र और किसानों की सेवा में लगा दिया, आज उनका निधन हो गया। गुजरात और भाजपा के लिये बड़ी क्षति।’ गढ़दा में तीन नवम्बर को उप चुनाव है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘केशुभाई पटेल के निधन से, राष्ट्र ने एक महान नेता खो दिया। उनका लंबा सार्वजनिक जीवन लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित रहा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। किसानों के हितों की रक्षा की, लोगों के साथ उनका अद्भुत संबंध था।’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘हमारे प्रिय और माननीय केशुभाई के निधन से मैं बेहद दुखी हूं। वे एक बेहतरीन नेता थे, जिन्हें समाज के हर तबके की चिंता थी। उनका जीवन गुजरात के विकास और गुजरातियों को सशक्त बनाने की दिशा में समर्पित था।’