पटना/दक्षिण भारत। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और राज्यपाल को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपए महीना बंदोबस्त करके दो।
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सचिन वाजे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं, इसलिए इनको लिया जा रहा है। भाजपा की तरफ से पहला सवाल यह है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई?
रविशंकर प्रसाद ने पूछा, यह शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था? सचिन वाजे को बचाने की क्या मजबूरी थी, उसके पेट में और क्या-क्या सीक्रेट हैं? पूर्व पुलिस आयुक्त परमवीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था।
शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं हैं, तो एक पुलिस आयुक्त उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं? तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- मुंबई से 100 करोड़ रुपए का टार्गेट था तो कृपया उद्धव ठाकरे और शरद पवार बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह भ्रष्टाचार नहीं है, इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो, यह उसका टेक्स्ट बुक केस है। महाराष्ट्र में महाअघाड़ी शासन के लिए नहीं, बल्कि लूट के लिए है। इस तरह के भ्रष्टाचार का मॉडल बहुत चौंकाने वाला है। मीडिया को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और इसके पीछे की सच्चाई को उजागर करना चाहिए।