राहुल ने की भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों से मुलाकात, दिया मदद का आश्वासन

राहुल ने की भूमि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों से मुलाकात, दिया मदद का आश्वासन

लखनऊ। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के जगदीशपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन निर्माण के लिए हो रहे जमीन अधिग्रहण से प्रभावित लोगों से यहां मुलाकात की और उनकी हर संभव मदद का आश्वासन दिया। राहुल ने लखनऊ के गोमतीनगर स्थित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय में अमेठी से आए करीब ९० लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने एनएचएआई के क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबन्धक राजीव अग्रवाल को ज्ञापन भी सौंपा।राहुल भारी बारिश के बीच परिसर के बाहर ख़डे मीडियाकर्मियों से बात किए बगैर चले गए। बाद में, हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में राहुल ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में छह राष्ट्रीय राजमार्गों को लेकर मसले पेश आ रहे हैं। अमेठी के लोगों की भी जमीन को सही प्रक्रिया अपनाए बगैर अधिग्रहीत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह भट्टा-पारसौल काण्ड से ही किसानों की जमीन की ल़डाई ल़ड रहे हैं। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून बनाया, जो किसानों की जमीन की रक्षा का बिल था। उसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रद्द करने की कोशिश की थी। वह कानून री़ढ की हड्डी है। उसी के आधार पर सारा काम हो रहा है। उम्मीद है कि एनएचएआई इस मुद्दे को पूरी संवेदनशीलता से देखेगा।इस बीच, एनएचएआई के मुख्य महाप्रबन्धक राजीव अग्रवाल ने बताया कि जमीन के मुआवजे का मामला उनका प्राधिकरण नहीं, बल्कि सरकार तय करती है, लिहाजा प्रतिपूर्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि फिर भी वह इस मामले की तकनीकी जांच कराएंगे। दो-तीन दिन में प्राधिकरण की एक टीम मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लेकर अपनी रिपोर्ट देगी।राहुल द्वारा अग्रवाल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है लखनऊ-सुलतानपुर-वाराणसी को जो़डने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या ५६ पर फोर लेन के निर्माण के लिए स़डक के बीच से दोनों ओर १३-१३ मीटर जमीन का पूर्व में ही अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके बावजूद हाल में अमेठी के जगदीशपुर में कठौरा गांव के पास फिर से राजमार्ग के दोनों ओर अतिरिक्त १३-१३ मीटर जमीन में स्थित मकानों, दुकानों मंदिरों तथा अन्य निर्माण को वहां के निवासियों और व्यवसायियों को नोटिस एवं किसी तरह का मुआवजा दिए बगैर जबरन हटाया जा रहा है।करीब ८८ प्रभावितों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में कहा गया है कि इस कार्रवाई से प्रभावित ज्यादातर लोग उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास निगम से पट्टा लेकर उसकी अनुमति से वर्ष १९९४ से काबिज हैं और दुकानों इत्यादि का निर्माण किया है। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि इस कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए जिन मकानों एवं दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया है, उनकी क्षतिपूर्ति की जाए।

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