नई दिल्ली। अंतरिक्ष के इतिहास में भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिख देने वाला मंगलयान लाल ग्रह का अध्ययन करने के लिए छह महीने के मिशन पर भेजा गया था, लेकिन यह ३४ महीने बाद भी काम कर रहा है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को लगातार मंगल ग्रह की तस्वीरें तथा डेटा भेज रहा है। वैज्ञानिक इस महायान के हुनर से गदगद हैं। इसरो के एक वैज्ञानिक ने कहा कि मंगलयान को केवल यान नहीं, बल्कि महायान कहना उचित होगा जो छह महीने की अपनी मिशन अविध पूरी करने के बाद आज ३४ महीने बाद भी काम कर रहा है और रोजाना मंगल ग्रह के विभिन्न पहलुओं से संबंधित तस्वीरें और डेटा भेज रहा है। उन्होंने मंगलयान को भारत के अंतिरक्ष इतिहास का सबसे ब़डा मिशन करार देते हुए कहा कि इस मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) का प्रदर्शन अंतरिक्ष विज्ञानियों को प्रसन्न कर देने वाला है।
छह महीने की थी ड्यूटी, 34 महीने बाद भी काम कर रहा है मंगलयान
छह महीने की थी ड्यूटी, 34 महीने बाद भी काम कर रहा है मंगलयान