देश हित और सुरक्षा से ज्यादा अहम कुछ नहीं : रिजिजू
देश हित और सुरक्षा से ज्यादा अहम कुछ नहीं : रिजिजू
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गुरुवार को कहा कि इसमें दो राय नहीं कि निजता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता काफी महत्व रखती है लेकिन जब बात देश हित और देश की सुरक्षा पर आ जाए तो उससे अहम कुछ नहीं रह जाता। रिजिजू ने यहां ’’साइबर और नेटवर्क सुरक्षा’’ विषय पर उद्योग संगठन ’’ऐैसोचेम’’ द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा, यह मेरी व्यक्तिगत सोच है कि जब बात देश की सुरक्षा पर आ जाए तो देश हित सब बातों पर भारी प़डता है। उन्होंने कानून और नीतियां तय करने की जिम्मेदारी संसद के अधिकार क्षेत्र का मामला बताते हुए कहा, देश की जनता ने हमें इसके लिए चुना है। कानून और नीतियां बनाना हमारी सबसे अहम जिम्मेदारी है। ऐसे में इस समूचे परिदृश्य में हमें यह समझना होगा कि अगर मौलिक अधिकार दिए गए हैं तो उनके साथ कुछ मौलिक कर्तव्य भी बनते हैं।गृह राज्य मंत्री ने साइबर युद्ध के संदर्भ में भारत की तकनीकी क्षमताओं का जिक्र करते हुए कहा कि साइबर अपराधों से निबटने की तैयारियों के बारे में सुरक्षा अधिकारियों के साथ अबतक उन्होंने जितने भी विचार-विमर्श किए हैं उनका यही नतीजा निकला है कि इस दिशा में देश जितना आगे जा रहा है उसके लिए खतरे उतने ही ज्यादा ब़ढते जा रहे हैं। रिजिजू ने कहा कि वह देश की तकनीकि क्षमता पर सवाल नहीं उठा रहे बल्कि यह कहना चाह रहे हैं कि साइबर अपराधों से निबटने की देश की वास्तविक क्षमताओं और तैयारियों के बीच काफी फासला बना हुआ है जिसे पाटने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सरकारें इस समस्या से निबटने के लिए अपने स्तर पर काम कर रही हैं लेकिन अकेले सरकारी प्रयासों से इस खतरे का मुकाबला नहीं किया जा सकता इसके लिए निजी क्षेत्र खासकर उद्योग जगत को भी हाथ बंटाना प़डेगा। थानों में क्राइम और क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली की शुरुआत को देश की सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम बताते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत जैसे ब़डे देश में पुलिस का काम आसान नहीं है। यह काम ब़डी चुनौतियों से भरा है।