नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जनधन, आधार और मोबाइल (जैम) की त्रिमूर्ति से सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। इससे सभी भारतीय साझा वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र में आ चुके हैं। यह कुछ उसी तरीके से है जिससे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से एकीकृत बाजार बना है। उन्होंने कहा, अब देश की निगाह एक अरब-एक अरब-एक अरब पर है। एक अरब आधार नंबर जो एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल फोन से जु़डे हों। एक बार यह हो जाने के बाद पूरा देश वित्तीय और डिजिटल मुख्यधारा में आ जाएगा। प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर फेसबुक पोस्ट में लिखा है, जिस तरह से जीएसटी से एक कर, एक बाजार, एक भारत बना है, पीएमजेडीवाई और जैम क्रांति से सभी भारतीयों को एक साझा वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र से जो़डा जा सकता है। कोई भारतीय इस मुख्यधारा से बाहर नहीं रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जैम किसी सामाजिक क्रांति से कम नहीं है। इससे सरकार, अर्थव्यवस्था और विशेषरूप से गरीबों को काफी फायदा मिलेगा।इससे लाभों का उल्लेख करते हुए जेटली ने कहा कि गरीबों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिलेंगी और जीवन में आने वाले झटकों को सह सकेंगे। वहीं सब्सिडी का बोझ घटने से सरकार की वित्तीय स्थिति सुधरेगी। इससे प्रणाली की खामियों को दूर किया जा सकेगा। फिलहाल, सरकार ३५ करो़ड लाभार्थियों के खातों में सालाना ७४,००० करो़ड रुपए का स्थानांतरण करती है। मासिक आधार पर ६,००० करो़ड रुपए से अधिक का स्थानांतरण किया जाता है। वित्त मंत्री ने कहा कि यह स्थानांतरण विभिन्न योजनाओं मसलन पहल, मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन और विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के तहत किया जाता है।आधार को बैंक खातों से जो़डने के बारे में जेटली ने कहा कि अभी तक ५२.४ करो़ड विशिष्ट आधार नंबरों को ७३.६२ करो़ड खातों से जो़डा जा चुका है। इससे अब गरीबों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भुगतान कर पा रहे हैं। हर महीने गरीबों द्वारा आधार पहचान के जरिये ७ करो़ड सफल भुगतान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भीम एप और यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) शुरू होने से जैम पूर्ण रूप से परिचालन में आ गया है।
जनधन, आधार, मोबाइल से सामाजिक क्रांति आ रही है : जेटली
जनधन, आधार, मोबाइल से सामाजिक क्रांति आ रही है : जेटली