पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ बने महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सरकार बनाने के नीतीश कुमार के फैसले के बाद बागी हुए जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जाने की बजाय पटना में ही समानांतर बैठक की घोषणा की है जिससे जद-यू में टूट तय मानी जा रही है। मुख्यमंत्री एवं जद-यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है जिसमें शरद यादव को भी शामिल होने के लिए न्यौता दिया गया था। इस बैठक में जद-यू के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने के फैसले पर मुहर लगाई जाएगी। इसके अलावा अन्य मुद्दों पर भी विचार-विमर्श होगा। वहीं, महागठबंधन से नाता तो़डने से नाराज चल रहे यादव ने राजधानी पटना में ही अपने समर्थकों के साथ अलग बैठक बुलाई है जिसमें वह अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे।जद-यू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सुबह १० बजे मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग में होगी और इसके बाद १२ बजे राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी। इन दोनों बैठक के बाद रवींद्र भवन में तीन बजे पार्टी का खुला अधिवेशन होगा। वहीं, शरद गुट की बैठक कृष्ण मेमोरियल हॉल में होगी।राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार, शनिवार को मुख्यमंत्री आवास पर हो रही जद-यू की बैठक में बागी शरद यादव और उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर शरद गुट खुद को वास्तविक जद-यू घोषित करने के बाद नीतीश कुमार और उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित करने की कार्रवाई कर सकता है। इसके बाद शरद गुट पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग के पास दावा करेगा। इससे पहले महागठबंधन से जद-यू के अलग होने के फैसले का शरद यादव के अलावा राज्यसभा सदस्य अली अनवर और वीरेंद्र कुमार ने खुलकर विरोध किया था। इसके बाद पार्टी ने ११ अगस्त को अनवर को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण निलंबित कर दिया। जद-यू के महासचिव पद से हाल ही में हटाए गए और यादव के करीबी अरुण श्रीवास्तव ने नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्रवार को कहा, पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने न केवल मुझे महासचिव पद से हटाया बल्कि अली अनवर अंसारी को राज्यसभा में पार्टी के उप नेता और यादव को सदन में दल के नेता पद से हटा दिया जबकि वह पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं। हम लोग तो पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेना चाहते थे और अपनी बात कहना चाहते थे लेकिन चूंकि नीतीश ने हम तीनों को बिना कोई नोटिस दिए हटा दिया इसलिए अब हमने कार्यकारिणी का बहिष्कार कर पटना में अपना सम्मेलन करने का निर्णय लिया है।श्रीवास्तव ने कहा कि समता पार्टी, लोकशक्ति पार्टी तथा शरद यादव के जनता दल का विलय होने के बाद जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ था और उस समय नीतीश कुमार समता पार्टी में थे इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक यादव ही हैं और इस लिहाज से ’’हम ही लोग वास्तविक जनता दल हैं’’ इसलिए हमलोग चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह ’’तीर’’ हमें ही दिया जाए।
जद-यू का दो फाड़ होना तय, शरद आज जद-यू के समानांतर करेंगे बैठक
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