नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की क़डी आलोचना करते हुए कहा है कि वित्तीय कुप्रबंधन, नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लचर क्रियान्वयन ने भारतीय अर्थव्यवस्था का बे़डागर्क कर दिया है और (वास्तविक) आर्थिक वृद्धि दर निचले स्तर पर पहुंच गई है।सिन्हा ने बुधवार को एक अंग्रेजी दैनिक में लिखे एक आलेख में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह २४ घंटे लगातार काम करने के बावजूद अपने कार्य के प्रति न्याय करने में विफल रहे हैं। जेटली की योग्यता पर सवाल उठाते हुए उन्होेंने कहा कि वर्ष २०१४ लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्हें वित्त मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी दी गई है। वास्तव में आम चुनावों से पहले ही उन्हें वित्त मंत्री बनाया जाना तय था। जेटली ने अर्थव्यवस्था का ध्वस्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी आर्थिक आपदा साबित हुई है। जीएसटी को लागू करने का तरीका लचर रहा जिससे उद्योग और व्यापार जगत में उथल-पुथल मच गई है। लोगों की नौकरियां खत्म हो गई हैं और नए रोजगार नहीं मिल रहे हैं। नोटबंदी और उसके बाद जीएसटी के कारण हाल में आए जीडीपी के आंक़डे के अनुसार इसकी वृद्धि दर ५.७ प्रतिशत है जो चीन से कम है। सिन्हा ने कहा है कि लघु उद्योग क्षेत्र अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। इसको तत्काल राहत पैकेज की जरूरत है। सरकार ब़डे वित्तीय संकट के कगार है। जीएसटी का इनपुट क्रेडिट का रिफंड ६५ हजार करो़ड रुपए तक पहुंच गया जबकि कुल कर संग्रह ९५ हजार करो़ड रुपए है।
नोटबंदी और जीएसटी ने किया अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क : सिन्हा
नोटबंदी और जीएसटी ने किया अर्थव्यवस्था का बेड़ा गर्क : सिन्हा