जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने पर होगी कार्रवाई: सुशील

जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने पर होगी कार्रवाई: सुशील

पटना। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नेटवर्क के अध्यक्ष एवं बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि जीएसटी दर में कटौती का लाभ ग्राहकों को नहीं देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मोदी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जीएसटी परिषद् की गुवाहाटी में हुई बैठक में सर्वसम्मति से २८ प्रतिशत जीएसटी स्लैब वाली १७५ वस्तुओं के कर की दर घटाकर १८ प्रतिशत कर दी गई है। उन्होंने कहा कि जीएसटी दर में की जा रही कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि यदि कोई व्यापारी, विनिर्माता या उत्पादक मुनाफाखोरी करता है और करों में कटौती का लाभ लोगों तक नहीं पहुंचाता है तो इसके लिए मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकार का गठन किया गया है। बिहार समेत अन्य राज्यों की सरकार ने भी राज्य स्तरीय जांच समिति का गठन किया है। मुनाफाखोरी से संबंधित कोई भी शिकायत इस समिति के पास की जा सकती है।मोदी ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से यह छानबीन करेगी कि कर की दरों में कमी का लाभ लोगों को मिल रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि जांच समिति अपनी छानबीन के बाद राष्ट्रीय स्तर पर गठित प्राधिकार को सूचित करेगी और इसके आधार पर मुनाफाखोरी करने वाली कंपनियों एवं डीलरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार के उपभोक्ताओं को कर में कटौती का लाभ नहीं मिलने पर वह ’’स्क्रीनिंगकमेटीबिहारजीमेलडॉटकॉम’’ पर शिकायत भेज सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद् ने वातानुकूलित एवं गैर वातानुकूलित रेस्तराओं में खाना खाने पर लगने वाले १२ से १८ प्रतिशत कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि एक करो़ड रुपए प्रतिवर्ष टर्नओवर वाले रेस्तरां यदि कम्पोजिट स्कीम में शामिल हैं तो वे ग्राहकों से कोई कर वसूल नहीं सकेंगे तथा उन्हें अपने टर्नओवर पर पांच प्रतिशत कर अपने मुनाफे से भुगतान करना होगा। मोदी ने जीएसटी की ऊंची दरों को लेकर हो रही आलोचना पर कहा कि जीएसटी लागू होने से पूर्व उपभोक्ताओं को कई वस्तुओं पर ३१ प्रतिशत तक का कर देना प़डता था। इसके मद्देनजर जीएसटी में २८ प्रतिशत का स्लैब रखा गया था। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने में जीएसटी परिषद् में इस पर विचार किया गया और निर्धारण समिति की अनुशंसा के आधार पर १७५ वस्तुओं को १८ प्रतिशत के स्लैब में शामिल किया गया है।

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