नई दिल्ली। जनता दल (यू) (शरद गुट)के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने आज कहा कि देश में अगला चुनाव आर्थिक मुद्दों पर ल़़डा जाएगा और विपक्षी दलों को किसानों एवं मजदूरों के जीवन स्तर से जु़डे मामलों को उठाना होगा। यादव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस संबंध में विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ बातचीत चल रही है तथा इस सिलसिले में देशव्यापी आन्दोलन की रुपरेखा तैयारी की जा रही है। आन्दोलन की तिथि की घोषणा जल्दी ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को लेकर अब भारतीय जनता पार्टी के अंदर और बाहर से सवाल उठने लगे हैं। यादव ने कहा कि अर्थ व्यवस्था को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम तथा भाजपा के अंदर से यशवंत सिन्हा एवं अरुण शौरी ने सवाल उठाए हैं । उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थ व्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है और छोटे छोटे कल कारखानों के बंद होने से दो से पांच करो़़ड लोग बेरोजगार हो गए हैं । इससे भवन निर्माण व्यवसाय पर बहुत बुरा असर प़़डा है और इससे गांव की अर्थ व्यवस्था प्रभावित हुई है। जद यू नेता ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) कों लेकर कुछ छूट देने की सरकार की घोषणा लोगों का ध्यान भटकाने के लिए है । जीएसटी प्रणाली लागू किए जाने के बाद ’’इंस्पेक्टर राज ’’कायम हो गया है और १५ से १७ करो़़ड छोटे व्यापारी भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं ।यादव ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा इंस्पेक्टर राज कभी नहीं देखा था । गांव में बिजली नहीं है और आधारभूत सुविधाओं का अभाव है जबकि व्यापार से संबंधित औपचारिकताओं को कम्प्यूटर से तैयार करना है । देश में करीब २२ करो़़ड लोग व्यापार से जु़डे हैं जिनमें से १५ ए १७ करो़ड छोटे व्यापारी हैं जिन्हें छोटी छोटी गलतियों के लिए भी दंि़डत किया जा सकता है ।उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद से सब्जी की खेती करने वाले सात करो़़ड किसान तथा छोटे छोटे कल कारखानों में काम करने वाले नौजवान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। नकदी के अभाव के कारण किसानों को सब्जियों का उचित मूल्य नहीं मिला और ऐसे लोगों को आत्महत्या तक करनी प़़डी।
अगला चुनाव आर्थिक मुद्दों पर होगा : शरद
अगला चुनाव आर्थिक मुद्दों पर होगा : शरद