कोच्चि। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि पुराने हो चुके और शक्तियों एवं कामकाज का केंद्रीकरण का प्रयास करने वाले कानूनों एवं नियमों पर फिर से गौर किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘अगर कानून नगर निकायों के प्रभावी कामकाज के रास्ते में आते हैं और इनसे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब होता है तो इन कानूनों को संशोधित किये जाने की जरूरत है।’’ केंद्र सरकार में शहरी विकास मंत्रालय प्रभार संभाल चुके वेंकैया नायडू ने कहा कि उन्हें नगर निगमों और शहरी स्थायी निकाय, प्रशासकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के सामने आने वाली समस्याओं की जानकारी है। नायडू ने कहा कि तेजी से ब़ढता शहरीकरण, शहरी जनसंख्या के ब़ढने, शहरी इलाकों के अनियोजित का विकास, सेवाओं की ब़ढती मांग का सामना कर रही नगर निकायें, उचित वित्तीय संसाधनों का अभाव ऐसी ब़डी समस्याएं हैं जिनसे नगर निगम और दूसरी नगर निकायें जूझ हुई हैं। उन्होंने कहा, ‘पहली बात यह कि पुराने हो चुके और शक्तियों के विकेंद्रीकरण की बजाय उनका केंद्रीकरण का प्रयास करने वाले कानूनों एवं नियमों पर फिर से गौर किया जाना चाहिए। इसी तरह, स्थानीय स्तर पर प्रभावी शासन के लिए ऊपर से नीचे के रवैये में नीचे से ऊपर के रूप में बदलाव लाना होगा। समय बदल चुका है और इसलिए लोगों की अपेक्षाएं भी बदल गई हैं।’’
शक्तियों को केंद्रीकरण के प्रयास वाले कानूनों पर फिर से गौर होना चाहिए : उप राष्ट्रपति
शक्तियों को केंद्रीकरण के प्रयास वाले कानूनों पर फिर से गौर होना चाहिए : उप राष्ट्रपति