राष्ट्रपति ने किया कृषि संबंधी कारोबार के लिए नवाचार केंद्र बनाने का आह्वान

राष्ट्रपति ने किया कृषि संबंधी कारोबार के लिए नवाचार केंद्र बनाने का आह्वान

नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में कृषि संबंधित व्यवसाय को ब़ढावा देने के लिए भारतीय कृषि शोध संस्थान (आईएआरआई) से शुक्रवार को नवाचार एवं इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार २०२२ तक किसानों की आय दोगुनी करने पर काम कर रही है।कोविंद ने आईएआरआई के ५६वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युवा वैज्ञानिकों एवं कृषि-सकतकों को कृषि क्षेत्र में अब भी मौजूद उन संभावनाओं का दोहन करना चाहिए जो अब तक अछूते रहे हैं। उन्होंने देश को खाद्य मामले में आत्मनिर्भर बनाने में आईएआरआई के प्रयासों की भी सराहना की। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को बदलाव का वाहक बनने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें कृषि समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी ने कहा था कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का स्तंभ है। देश की प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय बेहतर करना है। उन्होंने कहा कि देश २०२२ तक किसानों की आय दोगुनी करने पर काम कर रहा है और विद्यार्थियों में इसे प्राप्त करने में योगदान देने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने सकतक पूरा कर रहे विद्यार्थियों को कृषि-उद्यमी बनने का सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें कृषि क्षेत्र में अपनी कंपनी शुरू करने के लिए मुद्रा जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा, विद्यार्थियों को कृषि संबंधित व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए संस्थान को नवाचार एवं इनक्यूबेशन केंद्र बनाने की जरूरत है। कृषि संबंधित कारोबार शुरू करने में मदद के लिए कई योजनाएं भी शुरू की गई हैं। उदाहरण के लिए मुद्रा योजना के तहत ऋण मुहैया कराया जाता है और पूंजी निवेशकों को भी निवेश के लिए आगे आना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि सीमित प्राकृतिक संसाधनों तथा ब़ढती आबादी के मद्देनजर नवाचार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, बीज से लेकर बाजार तक नवाचार की काफी संभावनाएं हैं। विद्यार्थी इसमें काफी योगदान दे सकते हैं। आपके अंदर बदलाव का वाहक बनने की क्षमता है। उन्होंने शोध कार्यों तथा बीजों की विविधता के लिए आईएआरआई का आभार जताते हुए कहा कि देश खाद्य आयातक से निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा, इस संस्थान से प़ढ कर गए कई विद्यार्थियों ने कृषि को ही अपना पेशा बनाया और वे काफी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने बेहतर प्रौद्योगिकी अपनायी और वे अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित करेंगे।

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