नई दिल्ली। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने शनिवार को कहा कि राजनीतिक दलों के चंदे को पारदर्शी बनाने के नाम पर चुनावी बॉन्ड जारी करने की सरकार की पहल राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध बनाने का तरीका साबित होगी। येचुरी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनावी बॉन्ड राजनीतिक चंदे के नाम पर काले धन को सफेद धन में तब्दील करने का माध्यम बनेगा। यह अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र, दोनों के लिए सबसे ब़डा खतरा है। उन्होंने कहा कि इसके राजनीतिक, कानूनी और आर्थिक खतरों के मद्देनजर माकपा ने चुनावी बॉन्ड को जारी करने के लिए वित्त अधिनियम २०१७ के माध्यम से जनप्रतिनिधित्व कानून, आरबीआई अधिनियम, आयकर अधिनियम और कंपनी कानून में किए गए संशोधनों की संवैधानिकता को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। सर्वोच्च अदालत ने याचिका में चुनावी बॉन्ड के नकारात्मक पहलुओं पर संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया है।येचुरी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड के जरिये विदेशों से मिलने वाले चंदे को वैध बनाने के लिए सरकार ने विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) में भूतलक्षी प्रभाव से लागू करने के लिए संशोधन किया है। इससे कोई भी विदेशी नागरिक, कंपनी या निकाय किसी भी भारतीय राजनीतिक दल को असीमित चंदा दे सकेगा। इसमें चंदा देने वाले और लेने वाले, किसी भी व्यक्ति अथवा संस्था की पहचान को सार्वजनिक करना अनिवार्य नहीं होगा।
चुनावी बॉन्ड व्यवस्था से बढेगा भ्रष्टाचार : येचुरी
चुनावी बॉन्ड व्यवस्था से बढेगा भ्रष्टाचार : येचुरी