किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 23 मार्च से आंदोलन करेंगे अन्ना

किसानों की सामाजिक सुरक्षा के लिए 23 मार्च से आंदोलन करेंगे अन्ना

कलबुर्गी। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे ने रविवार को संकटग्रस्त किसानों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार पर दबाव बनाने हेतु राष्ट्रीय आंदोलन का आह्वान किया। हैदराबाद-कर्नाटक रैयत संघ द्वारा आयोजित एक किसान रैली को संबोधित करते हुए अन्ना ने किसानों और जन लोकपाल को क्रियान्वित करने के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आंदोलन की शुरुआत २३ मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान से होगी और उसी समय पूरे देश में भी आंदोलन शुरु होगा। ्य·र्ैंफ्य्द्मह्र ·र्ैंह् ्यद्बयष्ठ झ्ष्ठ्रप्रय्द्मअन्ना ने कहा कि देश के किसानों की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है। किसानों का बेहतर जीवन यापन सुनिश्चित करने के लिए उन्हें सामाजिक सुरक्षा मुहैया कराने की आवश्यकता है। सरकारी कर्मचारियों की भांति किसानों को भी साठ वर्ष की आयु के बाद मासिक ५००० रुपए पेंशन दिया जाना चाहिए। उन्हांेने कहा कि मैं भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ दूसरे आंदोलन का आह्वान करता हूं। उन्होंने कहा, हमारे पास लोकतंत्र है लेकिन यह सच्चा लोकतंत्र नहीं है। भ्रष्ट और प्रभावशाली लोग अपनी सनक और कल्पना के अनुसार हम पर शासन कर रहे हैं। हमें उन तत्वों से मुक्ति की आवश्यकता है। इसलिए अच्छे और ईमानदार लोगों को राजनीति में प्रवेश करना चाहिए ताकि इस भ्रष्ट प्रणाली को तो़डा जा सके। उन्होंने पूछा कि इस देश में कितने उद्योगपतियों ने आत्महत्या की है और दावा किया पिछले २२ वर्षों के दौरान देश में १२ लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उन्हांेने युवओं से आह्वान किया कि अपना जीवन समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए समर्पित करेंे। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शों और स्वतंत्रता संग्राम में उनके नेतृत्व से प्रभावित होकर मैं २५ वर्ष की आयु में सामाजिक सेवा में आ गया। मैंने शादी नहीं की क्योंकि मैंने सोचा था कि मेरी सारी ऊर्जा परिवार के मामलों में बर्बाद हो जाएगी। मेरे पास संपत्ति थी, लेकिन मैंने समाज सेवा के लिए उन सभी चीजों को छो़ड दिया। उन्होंने कहा, आज के दिन मैं अपने भाइयों के बच्चों के नाम भी नहीं बता सकता हूं। अब मैं ८० वर्ष का हो गया हूं बावजूद इसके आज भी मेरे भीतर समाज सेवा की भावना उसी रूप में है।

About The Author: Dakshin Bharat