कोच्चि। रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ चलने के लिए देश में विश्वस्तरीय शैक्षिक और कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की जरूरत पर बल दिया है। राजन ने शुक्रवार को यहाँ डिजिटल सम्मेलन हैश टैग फ्यूचर को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में जो हो रहा है उससे भारत को डरने की नहीं बल्कि खुद को तैयार करने की जरूरत है। हमें नयी प्रौद्योगिकी और प्रतिस्पर्धा को अपनाने की जरूरत है।‘ उन्होंने कहा कि देश के लोगों में अपनी क्षमता को ब़ढाने तथा नयी तकनीक को सीखने की जबरदस्त भूख है। ग्रामीण क्षेत्र के लोग बच्चों को बेहतर शिक्षा देना चाहते हैं। बदलती दुनिया के अनुरूप लोगों को तैयार करने के लिए देश में विश्वस्तर के शिक्षा संस्थान और कौशल विकास के केंद्र स्थापित होने चाहिए।उन्होंने कहा कि देश में ऐसे कुछ केंद्र हैं लेकिन हमें और अधिक की जरूरत है। डिजिटल और रोबोटिक प्रौद्योगिकी से रोजगार ख़त्म होने के खतरे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह खतरा तो है लेकिन उतना ब़डा नहीं जितना बताया जा रहा है पर हम इसे अनदेखा भी नहीं कर सकते। औद्योगिक क्रांति के समय से ही कहा जाता रहा है कि मशीनें आदमी का स्थान ले लेंगी लेकिन आज भी लोगों को काम मिल रहा है। उसका स्वरूप अवश्य बदल गया है। राजन ने उद्योगों विशेष कर सूचना प्रौद्योगिकी से जु़डे उद्योगों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि सरकार को इन्हें जरूरी धन उपलब्ध कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने निर्यातोन्मुखी व्यापार को ब़ढावा देने पर जोर दिया। फेसबुक को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कुछ कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि देश में इस बात पर बहस होनी चाहिए कि नयी तकनीकों के जरिये एकत्र किये जाने वाले आंक़डों (डाटा) पर किसका नियंत्रण हो। यह देश में हो या विदेश में।
देश में विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थानों की जरूरत : राजन
देश में विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थानों की जरूरत : राजन