दिल्ली में कांग्रेस की करारी हार के बाद शीला ने स्वीकारी नैतिक जिम्मेदारी, आलाकमान को भेजा इस्तीफा

दिल्ली में कांग्रेस की करारी हार के बाद शीला ने स्वीकारी नैतिक जिम्मेदारी, आलाकमान को भेजा इस्तीफा

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद इस्तीफों का दौर जारी है। दिल्ली की सातों सीट पर हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी अपना इस्तीफा पार्टी आलाकमान को भेज दिया है।

शीला दीक्षित ने इस्तीफे के संबंध में आखिरी फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर ही छोड़ा है। इसके अलावा शीला ने एक समिति के गठन का फैसला किया है जो इस बात की समीक्षा करेगी कि चुनावों में कांग्रेस क्यों हारी। माना जा रहा है कि समिति की रिपोर्ट के बाद प्रदेश कांग्रेस में कई बदलाव हो सकते हैं।

कभी दिल्ली की राजनीति में जबरदस्त प्रभाव रखने वाली शीला दीक्षित इस बार लोकसभा चुनाव में अपनी सीट तक नहीं बचा सकीं। कांग्रेस के सभी उम्मीदवार पराजित हुए और भाजपा ने जोरदार जीत हासिल की। कांग्रेस दिल्ली की सात में से पांच सीटों पर दूसरे स्थान पर रही। नतीजों के बाद दिल्ली कांग्रेस इकाई के शीर्ष नेताओं की भूमिका पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया को हटाने की मांग भी कर दी है।

शीला ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेजे पत्र में लिखा है कि इसे ही उनका इस्तीफा समझा जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष जो कहेंगे, वही किया जाएगा। दूसरी ओर, राहुल गांधी ने अभी तक इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और न शीला दीक्षित को कोई जवाब दिया है।

वहीं, दिल्ली में हार की समीक्षा के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति में प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं को शामिल किया जाएगा। समिति हफ्तेभर में रिपोर्ट पेश कर हार के कारण बताएगी। साथ ही रणनीति में सुधार के लिए सुझाव भी देगी।

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