नई दिल्ली/भाषा। प्रस्तावित व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून में बड़ा उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 15 करोड़ रुपए या वैश्विक कारोबार के चार प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को इस विधेयक को मंजूरी दी है। इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में रखा जा सकता है।
एक सूत्र ने कहा, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक में किसी बड़े उल्लंघन में कंपनियों पर 15 करोड़ रुपए या उनके वैश्विक कारोबार के चार प्रतिशत (जो भी अधिक हो) तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव है। उल्लंघन के छोटे मामलों में पांच करोड़ रुपए या वैश्विक कारोबार का दो प्रतिशत तक जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
विधेयक के तहत महत्वपूर्ण डेटा या आंकड़ों को भारत में ही स्टोर करना होगा, जबकि संवेदनशील डेटा का प्रसंस्करण डेटा मालिक की सहमति से देश के बाहर किया जा सकता है।
सूत्र ने कहा कि स्वायत्तता से जुड़े मामलों, राष्ट्रीय सुरक्षा या अदालती आदेश की स्थिति में डेटा का प्रसंस्करण बिना सहमति के किया जा सकता है।