मोदी ने राजपक्षे से कहा: उम्मीद है श्रीलंका तमिलों की आकांक्षाओं को समझेगा

मोदी ने राजपक्षे से कहा: उम्मीद है श्रीलंका तमिलों की आकांक्षाओं को समझेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली/भाषा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे ने शनिवार को विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत वार्ता की और इस दौरान भारत ने उम्मीद जताई कि श्रीलंका की सरकार वहां के तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को समझेगी। वार्ता के दौरान दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग मजबूत करने और आपसी कारोबार एवं निवेश संबंधों को बढ़ावा देने का संकल्प लिया।

राजपक्षे की भारत यात्रा को अहम माना जा रहा है कि क्योंकि श्रीलंका के राष्ट्रपति के तौर पर 2005 से 2015 तक उनके कार्यकाल में हिेंद महासागर स्थित उनके द्वीप देश में चीन की उपस्थिति मजूबत हुई थी जिसने भारत की चिंताएं बढ़ा दी थीं। बातचीत के बाद मीडिया के लिए जारी बयान में मोदी ने कहा, श्रीलंका में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि भारत के साथ ही पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के हित में है।

उन्होंने कहा कि श्रीलंका के विकास में भारत भरोसेमंद साझेदार रहा है और वह श्रीलंका की शांति और विकास यात्रा में उसकी सहायता करना जारी रखेगा। लंबे समय से लंबित तमिल मुद्दे पर मोदी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्रीलंका सरकार एकीकृत श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति के लिए तमिल लोगों की उम्मीदों को समझेगी।

मछुआरों की समस्या पर मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने इससे निपटने में मानवीय रुख अपनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हमने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग मजबूत करने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है कि महिंदा राजपक्षे श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के बड़े भाई हैं और पिछले साल नवंबर में प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने के बाद पहली विदेश यात्रा पर शुक्रवार को पांच दिवसीय यात्रा पर भारत पहुंचे थे।

About The Author: Dakshin Bharat