नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (कोविड-19) का शुक्रवार को संज्ञान लेते हुए निर्णय लिया कि सिर्फ आवश्यक मुकदमों की ही सुनवाई होगी और संबंधित वकीलों के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को न्यायालय कक्ष में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
सामूहिक रूप से लोगों के एकत्र नहीं होने के बारे में केन्द्र के पांच मार्च के परामर्श का संज्ञान लेने के बाद प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।
इस संबंध में जारी शीर्ष अदालत की अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार द्वारा जारी परामर्श की समीक्षा करने और चिकित्सा के पेशे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा विशेषज्ञों की राय तथा सभी आगंतुकों, वादकारियों, वकीलों, न्यायालय के कर्मचारियों, सुरक्षा, रख-रखाव और सहायक स्टाफ और मीडियाकर्मियों की सुरक्षा तथा उनके कल्याण को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी ने न्यायालयों में मुकदमों की सुनवाई सिर्फ आवश्यक मामलों तक सीमित रखने का निर्णय लिया है। ऐसे मुकदमों के लिए पीठों की संख्या उतनी ही होगी जो उचित समझी जाएंगे।
अधिसूचना में कहा गया है कि शीर्ष अदालत के न्यायालय कक्षों में मुकदमों में पेश होने वाले वकीलों के अलावा किसी भी अन्य व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। उच्चतम न्यायालय में इस समय होली का अवकाश है और 16 मार्च से शीर्ष अदालत फिर से खुल रही है।