नई दिल्ली/भाषा। देश के प्रमुख स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान आईसीएमआर के अनुसार, सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाने के सुझाव का कड़ाई से पालन करने से कोरोना वायरस महामारी के कुल संभावित मामलों की संख्या 62 प्रतिशत तक कम हो जाएगी।
कोविड-19 के प्रसार की शुरुआती समझ के आधार पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जो गणितीय मॉडल तैयार किया है, उसके मुताबिक कोरोना वायरस के संदिग्ध लक्षणों वाले यात्रियों की प्रवेश के समय स्क्रीनिंग से अन्य लोगों में वायरस के संक्रमण को एक से तीन सप्ताह तक टाला जा सकता है।
आईसीएमआर ने कहा, ‘कोरोना वायरस के लक्षणों वाले और संदिग्ध मामलों वाले लोगों के घरों में एकांत में रहने जैसे सामाजिक दूरी बनाने के उपायों का कड़ाई से पालन करने से कुल संभावित मामलों की संख्या में 62 प्रतिशत की और सर्वाधिक मामलों की संख्या में 89 प्रतिशत की कमी आएगी और इस तरह से ग्राफ समतल हो जाएगा तथा रोकथाम के अधिक अवसर मिल सकेंगे।’