नई दिल्ली/भाषा। उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन के दौरान ‘मानसिक वेदना’ से गुजर रहे उपभोक्ताओं को मुफ्त कॉल और डेटा उपयोग की सुविधा प्रदान करने के लिए दायर याचिका पर विचार करने से सोमवार को इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एनवी रमण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करते हुए सवाल किया, ‘यह किस तरह की याचिका दायर की गई है?’
याचिकाकर्ता मनोहर प्रताप ने पीठ से कहा कि वह इसे वापस ले लेंगे। याचिका में केंद्र और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को डीटीएच सेवा प्रदाताओं के साथ लाइसेंस की संबंधित शर्तों को लागू करने और उन्हें तीन मई तक अपने चैनलों और दूसरी सामग्री मुफ्त उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
इसके अलावा, याचिका में लॉकडाउन की वजह से मानसिक दबाव झेल रहे व्यक्तियों की परेशानियों के समाधान के लिए उचित कदम उठाने का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया था।